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प्रधानमंत्री मोदी का 'समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम: तटीय समुदायों के लिए नई उम्मीद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम की शुरुआत की है, जो तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए नई संभावनाएं लाएगा। इस पहल का उद्देश्य समुद्री संसाधनों का बेहतर उपयोग करना और एक मजबूत समुद्री अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। जानें इस योजना के तहत क्या-क्या बदलाव होंगे और यह कैसे भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
 

समुद्र से समृद्धि कार्यक्रम का महत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम को देशवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपहार बताया है। उनका कहना है कि यह पहल तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए लाभकारी होगी और इसका प्रभाव पूरे भारत के नागरिकों के जीवन पर पड़ेगा। यह योजना विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए बनाई गई है जो समुद्र और उसके आस-पास के क्षेत्रों पर अपनी आजीविका निर्भर करते हैं, जैसे कि मछुआरे और समुद्री व्यापार से जुड़े लोग।


पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य समुद्री संसाधनों का प्रभावी उपयोग करना और एक मजबूत समुद्री अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। सरकार का मानना है कि भारत के पास एक विस्तृत समुद्री तट है, जिसका सही उपयोग देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा दे सकता है।


इस योजना के अंतर्गत, बंदरगाहों का आधुनिकीकरण किया जाएगा, समुद्री व्यापार को सरल बनाया जाएगा और नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए नए अवसर उत्पन्न किए जाएंगे। पीएम मोदी ने विश्वास व्यक्त किया है कि यह पहल देश में समृद्धि के नए द्वार खोलेगी और भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।