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प्राइवेट अस्पतालों के लिए वेंटिलेटर बिलिंग नियमों में बदलाव

भारत सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों के लिए वेंटिलेटर बिलिंग नियमों को अनिवार्य कर दिया है, जिसका उद्देश्य पारदर्शिता को बढ़ावा देना और मरीजों को वित्तीय बोझ से बचाना है। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, अस्पतालों को मरीजों के परिवार से सहमति लेनी होगी और सभी खर्चों की जानकारी स्पष्ट रूप से देनी होगी। इसके अलावा, अस्पतालों को शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करनी होगी और वेंटिलेटर के लिए शुल्क केवल वास्तविक उपयोग के आधार पर लिया जाएगा। यह कदम प्राइवेट स्वास्थ्य सेवा में विश्वास को बहाल करने के लिए महत्वपूर्ण है।
 

नई दिल्ली में वेंटिलेटर बिलिंग नियमों की घोषणा


नई दिल्ली: सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों के लिए वेंटिलेटर से संबंधित बिलिंग नियमों का पालन करना अनिवार्य कर दिया है। इसका उद्देश्य पारदर्शिता को बढ़ावा देना और मरीजों को अप्रत्याशित वित्तीय बोझ से बचाना है। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, अस्पतालों को किसी भी मरीज को वेंटिलेटर पर रखने से पहले उनके परिवार से लिखित सहमति प्राप्त करनी होगी। इसके साथ ही, उन्हें वेंटिलेटर के उपयोग के संभावित खर्चों और चिकित्सा कारणों की स्पष्ट जानकारी भी देनी होगी।


स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्राइवेट अस्पताल बिना परिवार की लिखित मंजूरी के किसी मरीज को वेंटिलेटर पर नहीं रख सकते। डॉक्टरों को यह स्पष्ट करना होगा कि वेंटिलेटर की आवश्यकता क्यों है, इसके लाभ क्या हैं, संभावित जोखिम क्या हैं और इसकी आवश्यकता कितने समय तक हो सकती है। अस्पताल को ICU और वेंटिलेटर के दैनिक खर्चों की जानकारी भी पारिवारिक सदस्यों को देनी होगी ताकि वे आर्थिक रूप से तैयार रह सकें।


नियमों की वेबसाइट पर उपलब्धता

किस साइट पर नियम जारी किए गए हैं?


ये नियम हाल ही में डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (DGHS) की वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं, ताकि प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर के उपयोग में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। अधिकारियों का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य प्राइवेट स्वास्थ्य सेवा में विश्वास को बहाल करना और परिवारों को ICU और वेंटिलेटर के शुल्कों के कारण अचानक वित्तीय संकट से बचाना है।


अस्पतालों के लिए आवश्यक कदम

सभी खर्चों को स्पष्ट रूप से दिखाना


वेंटिलेटर से जुड़े सभी खर्च, जैसे मशीन चार्ज, ICU फीस और अन्य आवश्यक सामग्री, अस्पताल के बिलिंग काउंटर, ICU के बाहर और अस्पताल की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किए जाने चाहिए। इससे परिवारों को लागत के बारे में पहले से जानकारी मिल जाएगी।


शिकायत निवारण प्रणाली


अस्पतालों को समय पर शिकायतों को संभालने के लिए एक प्रणाली स्थापित करनी होगी। परिवार इलाज या बिलिंग से संबंधित चिंताओं को औपचारिक रूप से उठा सकते हैं, और अस्पताल को एक निश्चित समय सीमा के भीतर उत्तर देना होगा।


इस्तेमाल के आधार पर बिलिंग


वेंटिलेटर के लिए शुल्क केवल वास्तविक उपयोग की अवधि के लिए लिया जाएगा। यदि वेंटिलेटर बंद कर दिया जाता है, तो उस अवधि के लिए परिवार से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।


विस्तृत जानकारी प्रदान करना


किसी मरीज को वेंटिलेटर पर रखने से पहले, परिवारों को दैनिक खर्चों और ICU खर्चों का पूरा विवरण दिया जाना चाहिए, ताकि वे आर्थिक रूप से तैयार रह सकें।


पूरा रिकॉर्ड बनाए रखना


अस्पतालों को वेंटिलेटर के उपयोग, मरीज के परिणाम, वेंटिलेटर सपोर्ट की अवधि और मृत्यु दर का विस्तृत रिकॉर्ड बनाए रखना होगा। ये रिकॉर्ड निगरानी एजेंसियों द्वारा निरीक्षण के लिए उपलब्ध होने चाहिए। इन नए नियमों के साथ, भारत में प्राइवेट अस्पतालों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे वेंटिलेटर के उपयोग में पारदर्शिता, जवाबदेही और सही बिलिंग प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करेंगे, जिससे मरीजों और उनके परिवारों को अप्रत्याशित खर्चों से बचाया जा सके और स्वास्थ्य सेवाओं पर विश्वास बढ़े।