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प्राइवेट स्कूल संचालकों का चोरी मामले में पुलिस की निष्क्रियता पर रोष

चरखी दादरी में प्राइवेट स्कूल संचालकों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जाकर चोरी की एक घटना पर नाराजगी जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि 17 जुलाई को हुई चोरी के मामले में पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। स्कूल प्रबंधक ने बताया कि चौकीदार और उसकी पत्नी ने स्कूल से बड़ी रकम और मोबाइल चुराया। संचालकों ने मांग की कि मामले को सीआईए को सौंपा जाए। जानें इस मामले में आगे क्या हुआ और पुलिस की कार्रवाई पर संचालकों की क्या राय है।
 

चोरी की घटना पर स्कूल संचालकों की पुलिस से मुलाकात


(चरखी दादरी समाचार) चरखी दादरी। प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान, अटेला कलां स्थित एसबीएम सीनियर सैकेण्डरी मैमोरियल स्कूल में 17 जुलाई को हुई चोरी के मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई न होने पर नाराजगी व्यक्त की गई। उन्होंने एक मांग पत्र सौंपकर उचित कानूनी कदम उठाने की मांग की। लगभग एक महीने बाद भी एफआईआर दर्ज होने के बावजूद कोई प्रगति न होने पर भी उन्होंने रोष व्यक्त किया। इसके साथ ही, मामले को तुरंत सीआईए को सौंपने की मांग की गई। पुलिस अधीक्षक ने मौके पर ही केस को सीआईए को सौंप दिया।


चौकीदार और उसकी पत्नी की चोरी की योजना

स्कूल प्रबंधक जगदीश कुमार ने बताया कि 17 जुलाई 2025 की रात को विद्यालय का चौकीदार बीरबहादूर उर्फ राहुल बुधा और उसकी पत्नी रेजिना कार्यालय की अलमारी से 283000 रुपये और एक मोबाइल फोन लेकर फरार हो गए। 18 जुलाई को सुबह चौकीदार और उसकी पत्नी गायब मिले। जब कार्यालय की अलमारी की जांच की गई, तो उपरोक्त राशि और मोबाइल गायब मिले। उन्होंने तुरंत 112 पर कॉल किया, और पुलिस ने मौके पर आकर जांच की। हालांकि, एफआईआर 18 जुलाई की रात को दर्ज की गई। फिंगरप्रिंट 19 जुलाई को लिए गए।


पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

जगदीश ने बताया कि उन्होंने अटेला बस स्टैंड पर पूछताछ की, जहां एक दुकानदार ने बताया कि वे रात लगभग 11:30 बजे एक टैम्पो से गए थे। दुकानदार ने टैम्पो वाले का नाम भी बताया। पुलिस ने टैम्पो वालों से पूछताछ की, जिन्होंने बताया कि वे दादरी तक गए थे। लेकिन दादरी पहुंचने के बाद उन्हें आजादपुर, दिल्ली छोड़ने के लिए कहा गया। सभी चौकीदार शराब के नशे में थे और रास्ता भटक गए, जिसके कारण बेरी सिटी पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।


पुलिस की निष्क्रियता पर निराशा

जब जगदीश और अन्य पुलिस चौकी में गए, तो उन्हें बताया गया कि चौकीदार को 18 जुलाई को सुबह 4 बजे छोड़ दिया गया था। जगदीश ने कहा कि पुलिस ने उन्हें केवल आश्वासन दिया और कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्रवाई से वे संतुष्ट नहीं हैं। इस दौरान, प्रधान सुरेश सांगवान और अन्य समिति सदस्यों ने भी पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की।