प्रियंका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर हमले की कोशिश की निंदा की
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर हमले की कोशिश
नई दिल्ली। कांग्रेस की महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले की कोशिश को बेहद शर्मनाक और चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि यह हमला केवल मुख्य न्यायाधीश पर नहीं, बल्कि हमारे संविधान, न्याय व्यवस्था और कानून के शासन पर भी है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने अपनी मेहनत और योग्यता से सर्वोच्च न्यायिक पद हासिल किया है। उन पर इस तरह का हमला न्यायपालिका और लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है। इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले की कोशिश की। वह मंच के पास जाकर अपना जूता फेंकने की कोशिश कर रहा था, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोक लिया। इस दौरान वकील ने कहा कि हम सनातन का अपमान नहीं सहेंगे। जस्टिस गवई पूरी तरह शांत रहे।
मुख्य न्यायाधीश ने इस घटना के बाद अदालत में मौजूद वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने को कहा और कहा कि वे इस सब से विचलित न हों।
आरोपी वकील की गिरफ्तारी
आरोपी वकील राकेश किशोर को कोर्ट स्टाफ ने पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा के DCP भी मौजूद थे। आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
सोमवार को एक चौंकाने वाली घटना में, एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने की कोशिश की। रिपोर्ट्स के अनुसार, उसने कोर्ट में नारेबाजी भी की। सुरक्षाकर्मियों ने उसे तुरंत बाहर निकाल दिया।
लाइव लॉ वेबसाइट के अनुसार, पकड़े गए व्यक्ति ने नारे लगाए- 'सनातन धर्म का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान'। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उसने जूता फेंकने की कोशिश की, जबकि अन्य ने कहा कि उसने कागज का रोल फेंका।
कानूनी मामलों से जुड़ी वेबसाइट ने बताया कि जब सीजेआई की बेंच वकीलों से केस सुन रही थी, तभी एक वकील ने जूता निकालने की कोशिश की। सुरक्षाकर्मियों ने उसे तुरंत पकड़ लिया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें इन घटनाओं से फर्क नहीं पड़ता।
सोशल मीडिया पर नाराजगी
खजुराहो के जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करने की याचिका खारिज करने के बाद सीजेआई बीआर गवई का सोशल मीडिया पर विरोध हुआ था। उन्होंने कहा था कि वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।
सुरक्षा पर सवाल
लोगों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने की कोशिश करना केवल CJI का अपमान नहीं, बल्कि कानून की पूरी इज्जत को ठेस पहुंचाना है। यदि अदालत में यह हो सकता है, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या? ऐसे मामलों में सख्त सज़ा जरूरी है।