फ्रांस में विरोध प्रदर्शनों की लहर: राष्ट्रपति मैक्रों पर इस्तीफे का दबाव
फ्रांस में बढ़ते विरोध प्रदर्शन
फ्रांस में विरोध: नेपाल के बाद अब फ्रांस भी विरोध प्रदर्शनों की चपेट में आ गया है। पेरिस समेत कई अन्य शहरों में नागरिक राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। 'Block Everything' नामक आंदोलन के तहत प्रदर्शनकारियों ने बसों में आग लगाई, सड़कों को अवरुद्ध किया और पुलिस पर पथराव किया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि सरकार को राजधानी में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने की आवश्यकता पड़ी।
प्रदर्शनकारियों के आरोप
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मैक्रों सरकार ने आम जनता के जीवन स्तर को सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं और आर्थिक प्रबंधन पूरी तरह से विफल रहा है। प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नु की नियुक्ति के एक दिन बाद ही फ्रांस में दंगे भड़क उठे, जिससे राष्ट्रपति पर इस्तीफे का दबाव और बढ़ गया।
‘Block Everything’ आंदोलन की हिंसा
‘Block Everything’ आंदोलन से भड़की हिंसा
पेरिस की सड़कों पर बुधवार को 'ब्लॉकन्स टाउट' (Block Everything) आंदोलन के तहत उग्र विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे और बिजली लाइनों को नुकसान पहुंचाया और सार्वजनिक परिवहन को बाधित किया। गृह मंत्रालय के अनुसार, अब तक कम से कम 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
सुरक्षा बलों की तैनाती
80 हजार सुरक्षाबल तैनात
फ्रांस के गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो ने प्रदर्शनों की निंदा करते हुए कहा कि यह आंदोलन देश में 'विद्रोह का माहौल' उत्पन्न करने की कोशिश कर रहा है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरे फ्रांस में 80,000 सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं, जिनमें से 6,000 पेरिस में तैनात हैं।
मैक्रों पर इस्तीफे का दबाव
मैक्रों पर इस्तीफे का दबाव
2022 में पुनः चुने जाने के बाद से राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों बार-बार इस्तीफे की मांग का सामना कर रहे हैं। बुधवार के विरोध में भी यही आवाज सुनाई दी। पिछले तीन वर्षों में पेंशन सुधार, किसानों की हड़ताल और पुलिस मुठभेड़ में हुई मौतों जैसे मुद्दों पर भी देशभर में प्रदर्शन हो चुके हैं।
मैक्रों का सख्त बयान
मैक्रों का सख्त बयान– मैं इस्तीफा नहीं दूंगा
लगातार बढ़ते दबाव के बीच राष्ट्रपति मैक्रों ने स्पष्ट किया है कि वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि विपक्षी दल 'सत्ता के भूखे' और 'गैर-जिम्मेदार' हैं।