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बनारस में पुलिस और वकीलों के बीच विवाद, 700 वकील सड़क पर उतरे

बनारस में पुलिस और वकीलों के बीच एक गंभीर विवाद उत्पन्न हुआ, जब 700 वकील लेडी आईपीएस नीतू काद्यान को हटाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे। यह विवाद एक छोटी सी कहासुनी से शुरू होकर बड़े पैमाने पर फैल गया, जिसमें वकीलों ने पुलिस पर हमला किया। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और प्रशासन की प्रतिक्रिया।
 

बनारस में पुलिस और वकीलों के बीच टकराव

उत्तर प्रदेश के बनारस में पुलिस और वकीलों के बीच एक गंभीर विवाद उत्पन्न हुआ। यह विवाद एक छोटी सी कहासुनी से शुरू होकर बड़े पैमाने पर फैल गया। लेडी आईपीएस नीतू काद्यान को हटाने की मांग को लेकर 700 वकील सड़कों पर उतर आए और प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए काशी में कमिश्नर ऑफिस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।


यह मामला 16 सितंबर को बड़ागांव थाने की दरोगा मिथिलेश प्रजापति और एक सिपाही के कचहरी में रिमांड पर्चा लेने जाने के दौरान शुरू हुआ। वकीलों ने दरोगा को घेर लिया और उन पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली, डीएम सत्येंद्र कुमार, डीआईजी शिव हरी मीणा और एडीसीपी नीतू काद्यान सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा।


बाद में, समाधान दिवस पर जब पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की, तो फिर से कहासुनी और भिड़ंत हो गई। पुलिस ने शांति भंग के आरोप में दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की। इस दौरान यह भी आरोप लगाया गया कि थाने के दरोगा ने एक वकील के साथ मारपीट की।