बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर गिरफ्तारी वारंट: क्या है मामला?
शेख हसीना की बढ़ती मुश्किलें
शेख हसीना: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। पिछले वर्ष देश में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद, उन्होंने पद और देश छोड़ दिया था। अब बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इस वारंट के तहत शेख हसीना और उनके सहयोगियों पर मानवता के खिलाफ गंभीर अपराधों के आरोप लगाए गए हैं।
आरोपों की गंभीरता
ICT ने बुधवार को शेख हसीना और उनके पूर्व सहयोगियों के खिलाफ दो अलग-अलग मामलों में संज्ञान लिया। रिपोर्टों के अनुसार, उन पर राजनीतिक विरोधियों को हिरासत में लेने, उन्हें प्रताड़ित करने और रैपिड एक्शन बटालियन की गुप्त इकाई के माध्यम से गायब करने का आरोप है।
गिरफ्तारी वारंट का विवरण
पहले मामले में, शेख हसीना, उनके पूर्व सुरक्षा और रक्षा सलाहकार तारिक अहमद सिद्दीकी सहित 13 अन्य लोगों पर 5 आरोप लगाए गए हैं। दूसरे मामले में, उन पर आरोप है कि उन्होंने रैपिड एक्शन बटालियन की टास्क फोर्स इंटरोगेशन यूनिट में बंद कैदियों के गायब होने और प्रताड़ना में भूमिका निभाई। ICT ने इन मामलों में सभी आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए 22 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
भारत में शरण
यह ध्यान देने योग्य है कि शेख हसीना ने पिछले साल 5 अगस्त को पद से इस्तीफा देने के बाद भारत में शरण ली थी। आवामी लीग की सरकार के गिरने के बाद उनके खिलाफ कई मामलों में गिरफ्तारी वारंट जारी किए जा चुके हैं और कई मुकदमे अभी भी विचाराधीन हैं। इस बीच, 78 वर्षीय शेख हसीना की भारत से वापसी को लेकर पूछे गए सवाल पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है।