बांग्लादेश में उस्मान हादी की हत्या के बाद भड़के विरोध प्रदर्शन
हिंसा का आगाज़
18 दिसंबर, 2025 की रात ढाका में हिंसा फैल गई, जब बांग्लादेश में शरीफ उस्मान हादी की मृत्यु की खबर आई। हादी, जो कट्टरपंथी इंकलाब मंच के नेता थे, को 12 दिसंबर को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी थी और बाद में सिंगापुर में उनका निधन हो गया। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफ़ेसर मोहम्मद यूनुस ने उनकी मृत्यु की पुष्टि करते हुए कहा कि 19 दिसंबर, 2025 को सभी पूजा स्थलों पर विशेष प्रार्थनाएं आयोजित की जाएंगी।
चुनावों से पहले का हमला
यह हमला चुनावों से कुछ महीने पहले हुआ, जब चुनाव आयोग ने 12 फरवरी, 2026 को 13वें संसदीय चुनावों की घोषणा की थी। पुलिस के अनुसार, हादी ने जब मध्य ढाका के बिजोयनगर क्षेत्र में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की, तब मोटरसाइकिल पर सवार तीन हमलावरों ने उन पर गोली चलाई।
हादी का राजनीतिक सफर
शरीफ उस्मान हादी, जो शेख हसीना सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में एक प्रमुख नेता थे, को सिर में गोली मारी गई थी। उन्हें पहले ढाका मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, लेकिन बाद में सिंगापुर भेजा गया, जहां उनकी 18 दिसंबर को मृत्यु हो गई। सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने बताया कि उन्हें 15 दिसंबर को आपातकालीन चिकित्सा उपचार के लिए एयरलिफ्ट किया गया था।
हादी की पहचान
32 वर्षीय हादी, शेख हसीना के कट्टर आलोचक थे और जुलाई के विद्रोह में सक्रिय रूप से शामिल रहे, जिसने पूर्व प्रधानमंत्री को सत्ता से हटाया। वह अवामी लीग के मुखर आलोचक थे और उनके समूह ने बांग्लादेश में भारत विरोधी भावनाओं को भी बढ़ावा दिया।
हत्या की जांच
यूनुस सरकार ने हादी की हत्या की जांच शुरू कर दी है और हत्यारों को सजा दिलाने का वादा किया है। यूनुस ने कहा कि हादी फासीवादी ताकतों के खिलाफ थे। पुलिस ने मुख्य संदिग्ध फैसल करीम मसूद के परिवार को गिरफ्तार कर लिया है। हादी के समर्थकों ने भारत को उनकी हत्या का दोषी ठहराया है और आरोप लगाया है कि हत्यारे पड़ोसी देश भाग गए।