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बांग्लादेश में भीड़ हिंसा की नई घटना, अमृत मंडल की हत्या

बांग्लादेश में हाल ही में हुई एक भीड़ हिंसा की घटना में अमृत मंडल की हत्या ने अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। राजबाड़ी जिले में हुई इस घटना में पुलिस ने मृतक को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। अमृत मंडल के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज थे, और उसकी हत्या के बाद भीड़ ने उसे पीट-पीटकर मार डाला। इस घटना ने बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
 

बांग्लादेश में भीड़ हिंसा का मामला

बांग्लादेश में एक बार फिर से भीड़ द्वारा हिंसा की एक घटना सामने आई है। इस बार राजबाड़ी जिले में अमृत मंडल, जिसे सम्राट के नाम से भी जाना जाता है, की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने देश में अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंता को और बढ़ा दिया है।


पुलिस की कार्रवाई और जानकारी

पुलिस को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल अवस्था में पड़ा है। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो उन्होंने अमृत मंडल को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव को बाद में पोस्टमॉर्टम के लिए राजबाड़ी सदर अस्पताल भेजा गया।


मृतक का आपराधिक इतिहास

पुलिस के अनुसार, मृतक के खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या का एक मामला भी शामिल है। जानकारी के अनुसार, अमृत मंडल कुछ समय तक भारत में छिपा रहा और हाल ही में अपने गांव लौटा था। लौटने के बाद उसने स्थानीय निवासी शाहिदुल इस्लाम से कथित तौर पर रंगदारी की मांग की थी।


घटना का विवरण

बीती रात, अमृत मंडल अपने कुछ साथियों के साथ शाहिदुल के घर पहुंचा। इस दौरान घरवालों ने शोर मचाया, जिससे आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और भीड़ ने उसे पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। गंभीर चोटों के कारण उसकी मौत हो गई। उसके कुछ साथी मौके से भागने में सफल रहे, जबकि एक आरोपी मोहम्मद सलीम को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया है।


सलीम के पास से बरामद हथियार

सलीम के पास से एक पिस्टल और एक देसी हथियार भी बरामद किया गया है। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है।


पिछली घटनाओं का संदर्भ

कुछ दिन पहले मयमनसिंह जिले में एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद उसका शव जला दिया गया था। इस घटना की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आलोचना हुई थी। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने उस समय कहा था कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है और दोषियों को सजा दी जाएगी।


बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा पर चिंता

इन घटनाओं ने बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भीड़तंत्र के बढ़ते प्रभाव पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।