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बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव और हिंसा के बीच चुनावी तैयारी

बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक तनाव और हिंसा के बीच चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। शरीफ उस्मान बिन हादी की मृत्यु के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई है। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान बांग्लादेश लौटने की योजना बना रहे हैं। इस बीच, विदेश सचिव ने चुनावों के लिए सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आश्वासन दिया है। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के संस्थापक के आवास पर हमले किए हैं और हादी की मौत पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। जानें इस स्थिति का क्या असर होगा।
 

बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति

बांग्लादेश में हाल ही में हुई हिंसा और इंकलाब मंच के संयोजक शरीफ उस्मान बिन हादी की मृत्यु के बाद राजनीतिक तनाव में वृद्धि हुई है। देश आम चुनावों की ओर बढ़ रहा है। इस अशांति के बीच, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे और बीएनपी नेता तारिक रहमान, जो कई वर्षों से लंदन में निर्वासन में हैं, 25 दिसंबर को बांग्लादेश लौटने की योजना बना रहे हैं।


इस बीच, विदेश सचिव असद आलम सियाम ने भारत के राजदूत सहित विदेशी राजनयिकों को चुनावों के लिए सुरक्षा व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार ने राजनयिक मिशनों की सुरक्षा को बढ़ा दिया है और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।


बांग्लादेश के संस्थापक के आवास पर हमले

प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के संस्थापक पिता शेख मुजीबुर रहमान के आवास पर फिर से आग लगा दी। इसके अलावा, चटोग्राम में भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर भी प्रदर्शनकारियों ने ईंट-पत्थर फेंके, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ। पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज का उपयोग करते हुए भीड़ को तितर-बितर किया और 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। वरिष्ठ अधिकारियों ने सहायक उच्चायुक्त को सुरक्षा का आश्वासन दिया।


हादी की मौत पर प्रदर्शन

हादी की मृत्यु की खबर के बाद ढाका विश्वविद्यालय परिसर के पास शाहबाग चौराहे पर सैकड़ों छात्र और आम लोग इकट्ठा हुए और 'हादी, हादी' के नारे लगाने लगे। जातीय छात्र शक्ति नामक एक छात्र समूह ने ढाका विश्वविद्यालय परिसर में शोक जुलूस निकाला। पिछले साल के हिंसक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (एसएडी) के सहयोगी संगठन नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) ने भी प्रदर्शन में भाग लिया और भारत विरोधी नारे लगाए।


प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम सरकार से हादी की वापसी तक भारतीय उच्चायोग को बंद करने की मांग की। एनसीपी के एक नेता ने कहा कि जब तक भारत हादी के हत्यारों को वापस नहीं करता, तब तक बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग बंद रहेगा।