बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा: कट्टरपंथियों का आतंक
बांग्लादेश में हिंसा का नया दौर
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ जिहादी गतिविधियों की एक नई लहर देखी जा रही है। हाल ही में, कट्टरपंथियों ने व्यापक हिंसा और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया है। यह सब उस्मान हादी की हत्या के बाद शुरू हुआ, जिसे कुछ दिन पहले सिंगापुर में गोली मारी गई थी। उसे इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया था, जहां उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद बांग्लादेश में स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है।
हिंसा के दौरान, कई सरकारी दफ्तरों और समाचार पत्रों के कार्यालयों को निशाना बनाया गया है। प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाती हैं। हिंदू समुदाय को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है, और भारतीय उच्चायोग के बाहर भी प्रदर्शन हुए हैं।
हिंदू युवक की हत्या
एक हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और उसके शव को आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना के बाद भारतीय उच्चायुक्त पर भी हमले की तस्वीरें सामने आई हैं। उच्चायुक्त पर पत्थर फेंके जाने की घटनाएं हुई हैं। बांग्लादेश के मंत्री यूनुस ने इस हत्या की निंदा की है और शांति बनाए रखने की अपील की है।
पीड़ित की पहचान दीपु चंद्र दास के रूप में हुई है, जो भालुका उपजिला के दुबालिया पारा इलाके का निवासी था। स्थानीय निवासियों के एक समूह ने उस पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया और उसके बाद उस पर हमला किया।
सरकार की प्रतिक्रिया
ढाका में जारी एक बयान में, अंतरिम सरकार ने नागरिकों से हिंसा के खिलाफ सतर्क रहने की अपील की है। सरकार ने कहा है कि यह हिंसा कुछ अलग-थलग आतंकवादी समूहों द्वारा की जा रही है। बयान में हिंसा, आगजनी और विनाश के कृत्यों की कड़ी निंदा की गई है। सरकार ने चेतावनी दी है कि अराजकता पैदा करने के प्रयासों को बांग्लादेश के शांति के मार्ग को बाधित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।