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बागेश्वर धाम में बारिश से ढाबे की दीवार गिरी, श्रद्धालु की मौत और कई घायल

मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम में भारी बारिश के कारण एक ढाबे की दीवार गिर गई, जिससे एक श्रद्धालु की मौत हो गई और 12 से अधिक लोग घायल हुए। इस घटना के बाद, पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भक्तों से अपील की है कि वे गुरु पूर्णिमा का पर्व अपने घरों में मनाएं। जानें इस घटना के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

प्राकृतिक आपदा का शिकार बागेश्वर धाम

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम एक बार फिर से प्राकृतिक आपदा का शिकार बन गया है। सोमवार सुबह हुई भारी बारिश के चलते एक निजी ढाबे की दीवार अचानक गिर गई, जिससे एक श्रद्धालु की जान चली गई और 12 से अधिक लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद वहां अफरा-तफरी मच गई। घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया, जहां उनका उपचार जारी है।


घटनास्थल पर स्थिति

छतरपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरपी गुप्ता ने बताया कि सुबह बारिश तेज हो रही थी, उसी समय ढाबे की कमजोर दीवार ढह गई। इस दौरान वहां बैठे श्रद्धालु मलबे के नीचे दब गए। एक व्यक्ति की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि 10 से 12 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की स्थिति गंभीर है। 1-2 घायलों को गहरी चोटें आई हैं और उन्हें विशेष देखरेख में रखा गया है।


भीड़ और बारिश का खतरा

बागेश्वर धाम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव के चलते देशभर से लाखों श्रद्धालु आ रहे हैं। यहां के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के प्रवचनों और दिव्य दरबार में भाग लेने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। लेकिन तेज बारिश और भीड़भाड़ के कारण स्थानीय व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।


धीरेंद्र शास्त्री की अपील

इस हादसे के बाद, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भक्तों से भावुक अपील की है कि वे इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व अपने घरों में रहकर मनाएं। उन्होंने कहा, “हर दिन लाखों लोग बागेश्वर धाम पहुंच रहे हैं, लेकिन बारिश और भीड़ के कारण व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। हम नहीं चाहते कि किसी श्रद्धालु की आस्था को चोट पहुंचे या उनकी जान को खतरा हो।”


सुरक्षा पर ध्यान

धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी कहा कि उनकी टीम धाम की व्यवस्थाओं को सुधारने में लगी हुई है, लेकिन सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। इसी कारण उन्होंने भक्तों से अनुरोध किया है कि वे इस बार ऑनलाइन माध्यम या टीवी प्रसारण के जरिए गुरु पूर्णिमा पर्व से जुड़ें।