बिजनेस एडवाइजरी कमेटी: कार्यप्रणाली और महत्व
बिजनेस एडवाइजरी कमेटी क्या है?
बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की भूमिका: हाल ही में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से अपने पद से इस्तीफा दिया, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। उन्होंने सोमवार को शुरू हुए मानसून सत्र के लिए सभी आवश्यक कार्य किए और उसी दिन BAC के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक भी आयोजित की। इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई। आइए जानते हैं BAC की कार्यप्रणाली और इसकी महत्वता।
BAC की कार्यप्रणाली
BAC का कार्य:
भारत की संसद में BAC एक महत्वपूर्ण समिति है, जो लोकसभा और राज्यसभा दोनों के लिए कार्यवाही की योजना बनाती है। यह समिति संसद में बिलों और मुद्दों पर चर्चा के लिए समय निर्धारित करती है। BAC यह सुनिश्चित करती है कि संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चले और सभी महत्वपूर्ण विषयों पर बिना किसी व्यवधान के चर्चा हो सके। इसके लिए BAC विशेष प्रक्रियाओं का पालन करती है और सरकार द्वारा प्रस्तावित बिलों और नीतियों के समय का सुझाव देती है।
BAC के सदस्य
BAC में सदस्यों की संख्या:
लोकसभा की BAC में 15 सदस्य होते हैं, जिसमें लोकसभा अध्यक्ष और अन्य सांसद शामिल होते हैं। राज्यसभा की BAC में भी लगभग 10-15 सदस्य होते हैं, जिसमें राज्यसभा के सभापति (उपराष्ट्रपति) और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। यह समिति पहली बार 14 जुलाई 1952 को स्थापित की गई थी।
BAC की हालिया बैठक
हाल की BAC बैठक में चर्चा:
हाल ही में हुई BAC की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे और बिहार के SIR से संबंधित विषय शामिल थे। इन मुद्दों पर चर्चा के लिए समय निर्धारित किया गया।