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बिहार चुनाव 2025: तेजस्वी यादव के सवालों का चुनाव आयोग ने दिया जवाब

बिहार चुनाव 2025 में वोटर लिस्ट और विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर विवाद छिड़ गया है। तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं, जिसमें वोटर लिस्ट से नाम हटाने की प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल शामिल हैं। चुनाव आयोग ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि सभी प्रक्रियाएं निष्पक्ष हैं और मतदाता अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

बिहार चुनाव 2025 में वोटर लिस्ट पर विवाद

Bihar Election 2025: बिहार में वोटर लिस्ट और विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। चुनाव आयोग ने 1 अगस्त 2025 को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की, जिसमें लगभग 65 लाख नाम हटा दिए गए हैं। तेजस्वी यादव ने इस ड्राफ्ट वोटर लिस्ट और SIR प्रक्रिया पर चुनाव आयोग से कई सवाल पूछे हैं, जिनका उत्तर भारतीय चुनाव आयोग ने दिया है।


तेजस्वी यादव के आरोप और चुनाव आयोग का जवाब

तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि SIR प्रक्रिया गरीबों, पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के वोटिंग अधिकारों को छीनने की साजिश है और उन्होंने इसकी स्वतंत्र जांच की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आयोग निष्पक्षता नहीं बरतता, तो उनकी पार्टी चुनाव बहिष्कार पर विचार कर सकती है। जारी की गई लिस्ट बिहार के सभी 90712 मतदान केंद्रों और 243 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करती है, लेकिन तेजस्वी ने वोटर लिस्ट से नाम हटाने पर सवाल उठाए हैं।


चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण

चुनाव आयोग ने तेजस्वी के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि आयोग यह नहीं समझ पा रहा है कि तेजस्वी यादव निराधार आरोप क्यों लगा रहे हैं, जबकि उनका नाम सूची में है। आयोग ने बताया कि वोटर लिस्ट को लेकर दावे और आपत्तियां दर्ज कराने के लिए एक महीने का समय दिया गया है। तेजस्वी को अपने 47506 मतदाताओं से अपील करनी चाहिए कि वे दावे और आपत्तियां दर्ज करें।


तेजस्वी यादव के सवाल

तेजस्वी यादव ने यह सवाल उठाया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल की गई मतदाता सूची में अचानक संशोधन की आवश्यकता क्यों पड़ी, जबकि उसी सूची के आधार पर सरकार बनी है। उन्होंने आधार कार्ड की असंगति पर भी सवाल उठाया और पूछा कि जब फॉर्म-6 में आधार कार्ड शामिल है, तो इसे बिहार में क्यों हटाया गया।


तेजस्वी ने आरोप लगाया कि SIR प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है और यह बिना राजनीतिक दलों को शामिल किए शुरू की गई। उन्होंने यह भी पूछा कि 65 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटाने का आधार क्या है और इस प्रक्रिया में पारदर्शिता क्यों नहीं बरती गई।


तेजस्वी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग BJP के इशारे पर काम कर रहा है। उन्होंने यह भी पूछा कि आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के सुझावों के बावजूद दस्तावेजों की सूची में बदलाव क्यों नहीं किया।