बिहार चुनाव 2025: वोटर लिस्ट पुनरीक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
बिहार चुनाव 2025 की तैयारी
Bihar Election 2025: आज, 28 जुलाई को, सुप्रीम कोर्ट में बिहार में वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई होने जा रही है, जिसे विधानसभा चुनाव के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पिछली सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने यह सवाल उठाया था कि आधार और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को वोटर पहचान के लिए क्यों नहीं शामिल किया गया। इस संदर्भ में चुनाव आयोग ने एक महत्वपूर्ण अपडेट भी जारी किया है।
मतदाता सूची का मसौदा
1 अगस्त को मसौदा मतदाता सूची जारी होने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन से नाम सूची में शामिल होंगे और किन्हें बाहर किया जाएगा। चुनाव आयोग के अनुसार, इस प्रक्रिया में बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर्स) और ईआरओ (इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर्स) शामिल होंगे। कुल 243 ईआरओ और 2,976 सहायक ईआरओ दावों और आपत्तियों की जांच करेंगे और तय करेंगे कि किसका नाम रखा जाए और किसे हटाया जाए।
चुनाव आयोग का स्पष्ट निर्देश
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि बिना किसी पूर्व सूचना या स्पीकिंग ऑर्डर के, मसौदा मतदाता सूची से किसी भी नाम को हटाया नहीं जा सकता। यदि कोई मतदाता अपना नाम हटाने या जोड़ने के लिए आपत्ति दर्ज करना चाहता है, तो वे जिला मजिस्ट्रेट या मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास अपील कर सकते हैं। इसके लिए आयोग ने वालंटियर्स को प्रशिक्षित किया है और एक मानक प्रारूप जारी किया जाएगा।
बिहार में मतदाताओं की स्थिति
बिहार में 7.24 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 91.69% से फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं, लेकिन लगभग 65 लाख मतदाता मसौदा सूची से गायब हो सकते हैं। इनमें से 22 लाख मृत मतदाता हैं, और 7 लाख का नाम कई स्थानों पर दर्ज है, जिन्हें एक ही वैध पते पर रखा जाएगा।
चिंता का विषय
सबसे बड़ी चिंता 36 लाख मतदाताओं (4.59%) की है, जिन्हें स्थायी रूप से स्थानांतरित या अप्राप्य के रूप में चिह्नित किया गया है। चुनाव आयोग का मानना है कि या तो उन्होंने कहीं और पंजीकरण कराया है या वे मौजूद नहीं हैं। कुछ ने 25 जुलाई तक फॉर्म भरा होगा और बाकी ने नहीं।
आगे की प्रक्रिया
मसौदा मतदाता सूची 1 अगस्त को प्रकाशित होगी, और इसके बाद 1 से 31 सितंबर तक दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया चलेगी। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी। इस दौरान कोई भी मतदाता या राजनीतिक दल, मसौदा सूची में किसी भी बदलाव के लिए दावा और आपत्ति दर्ज करा सकता है।