बिहार चुनाव के बाद राजनीतिक आरोपों का दौर तेज
बिहार विधानसभा चुनाव के बाद का राजनीतिक माहौल
बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला बढ़ गया है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि विश्व बैंक से प्राप्त धनराशि का एक बड़ा हिस्सा महिलाओं को नकद हस्तांतरण में खर्च किया गया है।
आचार संहिता का उल्लंघन?
पार्टी का कहना है कि यह भुगतान आचार संहिता लागू होने से ठीक एक घंटे पहले स्वीकृत किया गया, जिससे चुनावी माहौल पर असर पड़ा। हालांकि, सरकार और एनडीए के सहयोगियों ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है।
विश्व बैंक फंड का दुरुपयोग?
जन सुराज के प्रवक्ता पवन वर्मा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत किए गए भुगतान का उपयोग चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया गया। उनके अनुसार, 21,000 करोड़ रुपये की विश्व बैंक परियोजना में से 14,000 करोड़ रुपये निकालकर 1.25 करोड़ महिलाओं को वितरित किए गए।
केंद्रीय मंत्री का खंडन
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की सूचनाओं का कोई आधार नहीं है और यदि किसी के पास तथ्य हैं तो उन्हें पेश करना चाहिए। पासवान ने जन सुराज के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि बेबुनियाद बातें चुनावी परिणामों को प्रभावित नहीं कर सकतीं।
शराबबंदी पर उठे सवाल
जन सुराज पर यह आरोप भी लगा कि पार्टी की शराबबंदी हटाने की बात से उसे नुकसान हुआ, लेकिन पवन वर्मा ने इसे खारिज किया। उनका कहना है कि शराबबंदी पहले ही अप्रभावी है और इसे अधिक कीमत पर घर-घर पहुंचाया जा रहा है।
महिलाओं को नकद हस्तांतरण का प्रभाव
वर्मा ने कहा कि अंतिम समय में किए गए नकद वितरण और महिलाओं के लिए बनाई गई योजनाओं ने चुनावी समीकरण को बदल दिया। उनका कहना है कि बड़ी संख्या में मतदाता "जंगल राज" की वापसी से डरते थे, जिससे नीतीश कुमार निर्णायक फैक्टर बन गए।
एनडीए की भारी जीत
243 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए ने 202 सीटें जीतकर तीन-चौथाई बहुमत हासिल किया। यह दूसरी बार है जब गठबंधन ने 200 से अधिक सीटों का आंकड़ा पार किया। वहीं, महागठबंधन केवल 35 सीटों पर सिमट गया, जिसमें आरजेडी को 25 और कांग्रेस को छह सीटें मिलीं।