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बिहार चुनाव: पुराने वोटर कार्ड की वैधता पर चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया है कि पुराने वोटर कार्ड पूरी तरह से मान्य रहेंगे। उन्होंने बताया कि केवल उन मतदाताओं को नया कार्ड जारी किया जाएगा जिनके डेटा में बदलाव हुआ है। इसके अलावा, आधार कार्ड की अनिवार्यता पर भी स्थिति स्पष्ट की गई है। जानें और क्या कहा गया है चुनाव आयोग द्वारा।
 

मुख्य चुनाव आयुक्त का बयान

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं के बीच वोटर कार्ड को लेकर उठ रही चिंताओं पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्टता प्रदान की है। पटना में अपने दो दिवसीय दौरे के समापन पर उन्होंने बताया कि सभी मतदाताओं को नया वोटर कार्ड जारी नहीं किया जाएगा, और पुराने कार्ड पूरी तरह से मान्य रहेंगे।


मीडिया से बातचीत करते हुए, मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “जिन मतदाताओं के डेटा में विशेष पुनरीक्षण के दौरान कोई परिवर्तन या अपडेट (जैसे फोटो, पता आदि) हुआ है, केवल उन्हें ही 15 दिनों के भीतर नया वोटर कार्ड (EPIC) दिया जाएगा। जिनके पास पुराने वोटर कार्ड हैं और उनके डेटा में कोई बदलाव नहीं हुआ है, उनका वही कार्ड मतदान के लिए मान्य रहेगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मतदान के लिए पहले से स्वीकृत अन्य पहचान पत्र भी मान्य रहेंगे।


आधार कार्ड की अनिवार्यता पर चल रहे विवाद पर भी चुनाव आयोग ने स्थिति स्पष्ट की। ज्ञानेश कुमार ने कहा, “मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए आधार कार्ड देना न तो अनिवार्य था और न है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, आधार न तो जन्मतिथि का प्रमाण है और न ही नागरिकता का।” उन्होंने बताया कि मतदाता बनने के लिए केवल भारत का नागरिक होना आवश्यक है।


मुख्य चुनाव आयुक्त ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान को संतोषजनक बताते हुए कहा कि अयोग्य मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं और नए योग्य मतदाताओं को जोड़ा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि आयोग 22 नवंबर से पहले नई सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी करने के लक्ष्य के साथ काम कर रहा है।