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बिहार चुनाव में महिलाओं के लिए 10,000 रुपये का कैश ट्रांसफर: राजनीतिक रणनीति का असर

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए सरकार ने महिलाओं के बैंक खातों में 10,000 रुपये ट्रांसफर किए हैं, जिससे चुनावी माहौल में हलचल मच गई है। यह कदम दर्शाता है कि महिला मतदाता चुनावों में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नीतीश कुमार की सरकार ने महिलाओं के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, जिससे उनका विश्वास बढ़ा है। अन्य राज्यों में भी इसी तरह की रणनीतियों ने राजनीतिक दलों को लाभ पहुंचाया है। जानें इस विषय पर और क्या कुछ है खास।
 

महिलाओं के बैंक खातों में सीधा कैश ट्रांसफर


नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य की महिलाओं के बैंक खातों में 10,000 रुपये का ट्रांसफर किया। इस कदम ने चुनावी माहौल पर गहरा प्रभाव डाला है और यह दर्शाता है कि महिला मतदाता चुनावों में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह रणनीति पहली बार नहीं अपनाई गई है; पिछले चार वर्षों में कई राज्यों में इसी तरह की योजनाओं ने राजनीतिक दलों को लाभ पहुंचाया है।


महिलाओं की मतदान में बढ़ती भागीदारी

इस चुनाव में एक दिलचस्प तथ्य यह है कि पुरुषों की तुलना में लगभग 10% अधिक महिलाओं ने मतदान किया। इससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि चुनाव के परिणाम किस दिशा में जा सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों में, अधिकांश राज्यों में यह देखा गया है कि महिला मतदाता पुरुषों की तुलना में अधिक संख्या में मतदान करने पहुंचती हैं। शिक्षा, जागरूकता और सरकारी योजनाओं ने उन्हें पहले से अधिक सशक्त बनाया है।


बिहार में मजबूत महिला वोट बैंक

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने लंबे कार्यकाल में महिलाओं के बीच एक मजबूत विश्वास स्थापित किया है। उन्होंने यह समझा कि महिलाओं को केंद्र में रखकर बनाई गई योजनाएं चुनावों में महत्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं। उन्होंने छात्राओं को साइकिल देने की योजना शुरू की, पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण दिया, शराबबंदी लागू की और अब सीधा कैश ट्रांसफर किया है।


इसके अलावा, लड़कियों को शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता देने जैसे निर्णयों ने महिला मतदाताओं में उनके प्रति विश्वास बढ़ाया है। यही कारण है कि बिहार में एक मजबूत महिला वोट बैंक तैयार हो चुका है, जिसकी गूंज अब राष्ट्रीय राजनीति में भी सुनाई दे रही है।


अन्य राज्यों में भी सफल रहा यह फॉर्मूला

उत्तर प्रदेश में 2017 के चुनाव में बीजेपी की जीत में उज्जवला योजना की महत्वपूर्ण भूमिका रही। ग्रामीण महिलाओं को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने वाली यह योजना बेहद लोकप्रिय हुई। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने महिला-केंद्रित योजनाओं के माध्यम से 2021 में सत्ता बरकरार रखी। कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस ने महिला मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित करके राजनीतिक सफलता प्राप्त की। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने महिलाओं के खातों में सीधे पैसे भेजने की योजना शुरू की और लगातार सत्ता में बनी रही।


2024 लोकसभा चुनाव से पहले राज्यों में 'लक्ष्मी' की बारिश

महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद भी जब केंद्र सरकार को राजनीतिक लाभ स्पष्ट नहीं दिखा, तो महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में फिर से डायरेक्ट कैश ट्रांसफर की रणनीति अपनाई गई। इन सभी राज्यों में यह तरीका काफी हद तक सफल रहा और सरकारें चुनाव में लाभ उठाने में सफल रहीं।