×

बिहार में तालाब निर्माण पर 70% तक अनुदान: मछली पालन से बढ़ेगी किसानों की आय

बिहार सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसमें तालाब निर्माण पर 70% तक अनुदान दिया जाएगा। यह योजना किसानों और उद्यमियों के लिए मछली पालन को बढ़ावा देने का एक सुनहरा अवसर है। इच्छुक लाभार्थियों को 31 अगस्त 2025 तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा। योजना के तहत विभिन्न मॉडल के अनुसार अनुदान की राशि निर्धारित की गई है। यह पहल न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।
 

बिहार सरकार की नई पहल

बिहार में तालाब निर्माण पर अनुदान योजना: मछली पालन से किसानों की आय में वृद्धि: बिहार सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की है।


इस योजना का नाम "मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना" है, जिसके तहत तालाब निर्माण पर 70% तक की सब्सिडी दी जा रही है। यह किसानों, किसान समूहों और मत्स्य पालन उद्यमियों के लिए एक सुनहरा अवसर है।


इस योजना का उद्देश्य चौर क्षेत्रों को मछली पालन, कृषि, बागवानी और वानिकी के लिए एकीकृत रूप से विकसित करना है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हों और लोगों की आय में वृद्धि हो। इच्छुक लाभार्थियों को 31 अगस्त 2025 तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा।अनुदान योजना


तालाब निर्माण के लिए इस योजना में तीन अलग-अलग मॉडल तैयार किए गए हैं। पहले मॉडल में एक हेक्टेयर में दो तालाब बनाने की लागत 8.88 लाख रुपये है, दूसरे में चार तालाबों के लिए 7.32 लाख रुपये, और तीसरे में एक तालाब के साथ भूमि विकास के लिए 9.69 लाख रुपये का खर्च आएगा।


सामान्य वर्ग के किसानों को 50% तक का अनुदान मिलेगा, जबकि अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए 70% तक की सब्सिडी उपलब्ध है। उद्यमियों को 40% तक का अनुदान दिया जाएगा। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है, जिनके पास मछली पालन का अनुभव या प्रशिक्षण है, क्योंकि उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।


आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, भूमि स्वामित्व दस्तावेज या लीज एग्रीमेंट, और उद्यमियों के लिए पैन कार्ड व जीएसटी पंजीकरण शामिल हैं। ऑनलाइन आवेदन बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट fisheries.bihar.gov.in पर किया जा सकता है। योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए विभागीय वेबसाइट पर राज्यादेश संख्या 1992 (7 मई 2025) देखी जा सकती है। यह योजना न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ विकास को भी बढ़ावा देगी।


यह पहल बिहार के किसानों और उद्यमियों के लिए एक नई दिशा प्रदान कर रही है। मछली पालन के माध्यम से उनकी आय में वृद्धि होगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। समय पर आवेदन करके इस योजना का लाभ उठाएं और अपने भविष्य को समृद्ध बनाएं।