बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण: चुनाव आयोग ने आधार को नागरिकता प्रमाण नहीं माना
चुनाव आयोग का हलफनामा
बिहार में विशेष सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण 2025 के संदर्भ में, चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में 789 पन्नों का एक विस्तृत हलफनामा प्रस्तुत किया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड और वोटर ID जैसे दस्तावेजों को केवल मतदाता पंजीकरण के लिए वैध प्रमाण नहीं माना जा सकता।
आधार केवल पहचान का दस्तावेज
आधार सिर्फ पहचान का दस्तावेज...
आयोग ने बताया कि आधार कार्ड केवल पहचान को प्रमाणित करता है, लेकिन यह भारतीय नागरिकता या स्थायी निवास का प्रमाण नहीं है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, किसी व्यक्ति के लिए मतदाता बनने के लिए नागरिक होना अनिवार्य है। आयोग ने यह भी कहा कि जनवरी 2024 के बाद जारी आधार कार्डों पर यह स्पष्ट लिखा गया है कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है।
आधार को नागरिकता प्रमाण नहीं माना गया
आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि विभिन्न उच्च न्यायालयों ने भी आधार को नागरिकता प्रमाण के रूप में अस्वीकार किया है। उदाहरण के लिए, रानी मिस्त्री बनाम पश्चिम बंगाल राज्य (2016) और खदीजा स्वप्ना बनाम कर्नाटक राज्य (2017) जैसे मामलों में अदालतों ने कहा कि केवल आधार के आधार पर किसी की नागरिकता साबित नहीं की जा सकती।
आधार का उपयोग वैकल्पिक
आधार वैकल्पिक, जरूरी नहीं
आयोग ने अपने हलफनामे में कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4) के तहत आधार नंबर देना एक वैकल्पिक विकल्प है, कोई अनिवार्यता नहीं। इसका मतलब है कि मतदाता पंजीकरण के लिए आधार देना आवश्यक नहीं है और न ही यह पात्रता का प्रमाण है।
वोटर ID की सीमाएँ
वोटर ID भी पर्याप्त प्रमाण नहीं
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि वोटर ID कार्ड को केवल आधार पर मान्यता देना उचित नहीं होगा। इसका कारण यह है कि वोटर ID अक्सर पुरानी या अधूरी जानकारी पर आधारित होते हैं। यदि इन्हें ही मान लिया जाए तो विशेष सघन पुनरीक्षण की सटीकता और पारदर्शिता पर सवाल उठ सकते हैं। आयोग का मानना है कि मतदाता सूची को साफ और अद्यतन बनाए रखने के लिए कड़े सत्यापन की आवश्यकता है, जो पुराने दस्तावेजों पर निर्भर नहीं हो सकता।
आयोग का दृढ़ रुख
इस प्रकार, चुनाव आयोग ने अपने रुख को न्यायालय के समक्ष मजबूती से रखा है और मतदाता पहचान के लिए विश्वसनीय और नवीनतम दस्तावेजों पर जोर दिया है, ताकि मतदाता सूची की शुद्धता और भरोसेमंदता बनी रहे।