बिहार विधानसभा चुनाव 2025: ओवैसी की सीमांचल न्याय यात्रा
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी
Bihar Assembly Elections 2025: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी 24 सितंबर से बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपनी प्रचार यात्रा की शुरुआत करेंगे। यह यात्रा चार दिनों तक चलेगी और इसे "सीमांचल न्याय यात्रा" नाम दिया गया है।
यात्रा का कार्यक्रम
ओवैसी इस यात्रा के दौरान बिहार के सीमांचल क्षेत्र के विभिन्न जिलों जैसे किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार और अररिया में रोड शो और जनसभाएं आयोजित करेंगे। AIMIM ने बताया कि यह यात्रा 27 सितंबर तक जारी रहेगी। ओवैसी का मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र के निवासियों को एकजुट करना और सीमांचल के विकास के लिए आवाज उठाना है।
सीमांचल क्षेत्र का राजनीतिक महत्व
सीमांचल क्षेत्र बिहार के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित है और इसमें कुल 24 विधानसभा सीटें शामिल हैं। यह क्षेत्र वर्तमान में बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सीमांचल का विकास पिछले कई वर्षों से एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है, और ओवैसी ने संसद में सीमांचल विकास परिषद बनाने के लिए एक निजी सदस्य बिल भी पेश किया था।
AIMIM की चुनावी ताकत में वृद्धि
2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में AIMIM ने सीमांचल क्षेत्र की 20 सीटों में से 5 सीटों पर जीत हासिल की थी। जिन सीटों पर पार्टी ने सफलता पाई, वे थीं- बहादुरगंज, जोकीहत, अमौर, कोचाधामन और बैसी। हालांकि, इनमें से 4 विधायक बाद में राजद (RJD) में शामिल हो गए थे। AIMIM ने 2015 में 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उस समय पार्टी को कोई सफलता नहीं मिली थी। अब पार्टी ने संकेत दिए हैं कि वह आगामी चुनाव में और अधिक उम्मीदवारों को मैदान में उतार सकती है, क्योंकि स्थानीय नेता और समाजसेवी पार्टी से जुड़ने की इच्छा जता रहे हैं।
बिहार में मुस्लिम वोटबैंक का महत्व
बिहार में मुसलमानों की जनसंख्या लगभग 17.7% है, जो चुनाव परिणामों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पिछले 30 वर्षों से मुसलमानों ने मुख्यतः राजद और इसके गठबंधन का समर्थन किया है, हालांकि नीतीश कुमार की सरकार ने भी इस समुदाय के लिए कई योजनाएँ बनाई हैं। इनमें कब्रिस्तान की बाउंड्री बनवाना, मदरसों का पंजीकरण और मदरसा शिक्षकों को सरकारी स्कूलों के समान वेतन देना शामिल है।
सीमांचल क्षेत्र का भविष्य
सीमांचल क्षेत्र बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। ओवैसी की "सीमांचल न्याय यात्रा" इस क्षेत्र के विकास के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। AIMIM के लिए यह चुनावी रणनीति इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने का एक अच्छा अवसर हो सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ओवैसी की यह यात्रा मुसलमानों और अन्य वर्गों के बीच अपनी पकड़ बना पाती है और आगामी चुनावों में वह किस हद तक सफल होते हैं।