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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: क्या होगा एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में राजनीतिक दलों ने तेजी लाई है। बीजेपी ने अपने प्रभारी और सह-प्रभारी की नियुक्ति कर दी है, जबकि चुनाव आयोग की ओर से तारीखों की घोषणा का इंतजार है। इस बार का चुनाव एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर के रूप में देखा जा रहा है। सभी दल जनता से संपर्क साधने के लिए जनसभाएं और सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। जानें इस चुनाव में क्या हो सकता है खास और किस गठबंधन की रणनीति सफल होगी।
 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी

Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का अभी तक आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुनावी रणनीति को मजबूत करने के लिए अपने प्रभारी और सह-प्रभारी की नियुक्ति कर दी है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी बनाया गया है, जबकि सीआर पाटिल और केशव प्रसाद मौर्य को सह-प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है। यह कदम इस बात का संकेत है कि बीजेपी राज्य में चुनावी अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।


चुनाव आयोग की घोषणा का इंतजार

चुनाव आयोग जल्द करेगा तारीखों का ऐलान

चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा 6 अक्टूबर के आस-पास की जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार बिहार का दौरा करेंगे, और उनके आगमन से पहले राज्य में ट्रांसफर-पोस्टिंग की प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि चुनावी तैयारियों में कोई रुकावट न आए।


243 सीटों पर सियासी मुकाबला

विधानसभा की 243 सीटों पर सियासी जंग

बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, और इस बार का चुनाव मुख्य रूप से एनडीए और महागठबंधन के बीच होने की संभावना है। सभी दल जनता से सीधे संपर्क साधने में जुटे हैं, और बयानबाजी का दौर भी तेज हो चुका है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस बार का मुकाबला और भी दिलचस्प रहने वाला है क्योंकि दोनों गठबंधन राज्य की सत्ता पर कब्जा जमाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं।


नीतीश कुमार की 2020 की जीत की यादें

नीतीश कुमार की 2020 की जीत की याद

पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में नीतीश कुमार ने एनडीए गठबंधन के साथ मिलकर सत्ता हासिल की थी। उस समय बीजेपी और जेडीयू की साझेदारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेकिन वर्तमान में समीकरण बदल चुके हैं। इंडिया गठबंधन (महागठबंधन) और एनडीए के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है, जिससे दोनों पक्ष अपने-अपने मतदाताओं को साधने में जुटे हैं।


जनता तक पहुंचने की होड़

जनता तक पहुंचने की होड़

हालांकि चुनावी तारीखों का आधिकारिक ऐलान अभी बाकी है, सभी राजनीतिक दलों ने जनसभाओं, पदयात्राओं और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। हर पार्टी जनता को यह विश्वास दिलाने की कोशिश कर रही है कि उनकी नीतियां और वादे राज्य के विकास के लिए बेहतर हैं।


एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन का मुकाबला

दिलचस्प होगा एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन का मुकाबला

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार का चुनाव केवल सीटों की लड़ाई नहीं होगी, बल्कि गठबंधन की ताकत और रणनीति की परीक्षा भी होगी। जहां बीजेपी और एनडीए अपने पिछले कार्यों और योजनाओं को जनता के सामने रख रहे हैं, वहीं महागठबंधन केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों को मुद्दा बना रहा है।