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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: पहले चरण में मतदान का नया रिकॉर्ड

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में मतदान ने नया रिकॉर्ड स्थापित किया है, जिसमें 65.08 प्रतिशत वोटिंग हुई। महिलाओं ने इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उनका मतदान प्रतिशत 69.04 रहा। विभिन्न जिलों में मतदान के आंकड़े में विविधता देखने को मिली, जहां मीनापुर ने सबसे अधिक 77.54 प्रतिशत मतदान दर्ज किया। राजनीतिक दलों ने इसे अपनी जीत का संकेत बताया है। जानें इस चुनाव के बारे में और अधिक जानकारी।
 

बिहार में मतदान का उत्साह


पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में मतदाताओं ने लोकतंत्र के इस महापर्व में सक्रियता से भाग लिया। 6 नवंबर को 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान में कुल 65.08 प्रतिशत वोटिंग हुई, जो राज्य के चुनावी इतिहास में अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। यह आंकड़ा 2020 के विधानसभा चुनाव के 57.29 प्रतिशत से लगभग 8 प्रतिशत अधिक है।


महिलाओं की भागीदारी

चुनाव आयोग के अंतिम आंकड़ों के अनुसार, 3.75 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान किया, जिसमें महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में अधिक उत्साह दिखाया। महिलाओं का मतदान प्रतिशत 69.04 रहा, जबकि पुरुषों का 61.56 प्रतिशत रहा। महिलाओं ने लगभग 8 प्रतिशत के अंतर से बढ़त बनाई, जो विकास, शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर उनकी बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है।


क्षेत्रीय विविधता का प्रदर्शन

मीनापुर से कुम्हरार तक का फर्क


पहले चरण के मतदान में क्षेत्रीय विविधता स्पष्ट रूप से देखी गई। मुजफ्फरपुर जिले की मीनापुर विधानसभा सीट पर सबसे अधिक 77.54 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके अलावा, समस्तीपुर (70.63%) और वैशाली (67.37%) जैसे जिलों में भी मतदान का स्तर ऊंचा रहा। तिरहुत और कोसी क्षेत्रों में औसत से अधिक उत्साह देखा गया, जहां कुल 46 सीटों पर 69.05 प्रतिशत वोटिंग हुई।


वहीं, पटना जिले की कुम्हरार सीट पर सबसे कम 40.17 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसे शहरीकरण और व्यस्त जीवनशैली का परिणाम माना जा रहा है। पुरुष मतदाताओं में बोचाहन सीट पर 73.78 प्रतिशत वोटिंग सबसे ऊंची रही, जबकि कुम्हरार में यह न्यूनतम 41.10 प्रतिशत पर सिमट गई। महिलाओं ने मीनापुर में 82.49 प्रतिशत के साथ शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन कुम्हरार में यह आंकड़ा 39.19 प्रतिशत तक गिर गया।


नए रिकॉर्ड की स्थापना

25 वर्षों का रिकॉर्ड ध्वस्त


बिहार में पिछले पांच विधानसभा चुनावों (2000 से 2020 तक) में मतदान प्रतिशत कभी 57 प्रतिशत से अधिक नहीं रहा। 2020 में 56.93 प्रतिशत का आंकड़ा सबसे ऊंचा था, जबकि 2005 के अक्टूबर चुनाव में यह घटकर 45.85 प्रतिशत रह गया। 1951-52 के पहले चुनाव से लेकर अब तक के सभी रिकॉर्ड इस चरण की वोटिंग ने तोड़ दिए हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव के 56.28 प्रतिशत से भी यह 8.8 प्रतिशत अधिक है।


राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया

क्या कहते हैं राजनीतिक दल?


एनडीए और महागठबंधन दोनों ने इस उच्च मतदान को अपनी जीत का संकेत बताया है। जेडीयू नेता ने इसे जनता का विकास के प्रति समर्थन बताया, जबकि आरजेडी ने इसे "परिवर्तन की लहर" करार दिया। अब सभी की नजरें दूसरे चरण पर हैं, जहां 10 नवंबर को 20 जिलों की 94 सीटों पर वोटिंग होगी।