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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मतदान प्रक्रिया और महत्वपूर्ण जानकारी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होगा। इस चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। जानें मतदान प्रक्रिया, समय, और यदि आपके पास वोटर कार्ड नहीं है तो क्या करें। मतदान केंद्र पर पहुंचने से लेकर वोट डालने तक की सभी महत्वपूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है।
 

बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण


पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान कल, यानी 6 नवंबर को आयोजित होगा। इस चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर वोटिंग की जाएगी। यह चुनावी चरण राज्य की राजनीतिक दिशा को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


मतदान केंद्र पर पहुंचने के बाद की प्रक्रिया

पहचान और सत्यापन



  • मतदान केंद्र पर पहुंचने पर सबसे पहले आपको वोटर लिस्ट में अपने नाम और पहचान पत्र से सत्यापन कराना होगा।

  • मतदान अधिकारी आपके नाम, फोटो और दस्तावेज़ों की जांच करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आप सही मतदाता हैं।


स्याही (इंडेलिबल इंक) लगाई जाएगी



  • पहचान की पुष्टि के बाद आपकी उंगली पर स्थायी स्याही लगाई जाएगी।

  • यह स्याही इसलिए लगाई जाती है ताकि कोई व्यक्ति दोबारा वोट न डाल सके।


बैलेट यूनिट या ईवीएम (EVM) पर वोट डालना



  • इसके बाद अधिकारी आपको मतदान कक्ष में भेजेगा, जहाँ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) रखी होती है।

  • मशीन पर उम्मीदवारों के नाम और पार्टियों के चिह्न होते हैं।

  • जिस उम्मीदवार को आप वोट देना चाहते हैं, उसके नाम के सामने बने नीले बटन को दबाएं।

  • बटन दबाने के तुरंत बाद एक 'बीप' की आवाज़ सुनाई देगी, जिससे आपका वोट रिकॉर्ड हो जाएगा।


VVPAT से वोट की पुष्टि

VVPAT से ऐसे करें वोट की पुष्टि



  • EVM के साथ VVPAT (Voter Verifiable Paper Audit Trail) मशीन भी जुड़ी होती है।

  • बटन दबाने के बाद VVPAT की पारदर्शी खिड़की में 7 सेकंड के लिए एक पर्ची दिखाई देगी, जिसमें आपके द्वारा चुने गए उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिह्न होगा।

  • यह पर्ची मशीन के अंदर अपने आप गिर जाती है, मतदाता इसे हाथ में नहीं लेते।

  • यह प्रक्रिया आपके वोट की पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित करती है।


मतदान के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

मतदान के दौरान ध्यान रखें ये बातें



  • मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल फोन, कैमरा या कोई रिकॉर्डिंग डिवाइस ले जाना मना है।

  • मतदान केंद्र में किसी भी प्रकार की राजनीतिक चर्चा या प्रचार करना प्रतिबंधित है।

  • अधिकारी के निर्देशों का पालन करें और मतदान का गोपनीयता अधिकार बनाए रखें।

  • वोट डालने के बाद आपको 'Thank You Slip' या स्याही के निशान से यह प्रमाण मिलेगा कि आपने मतदान किया है।


मतदान का समय

मतदान का समय 


पहले चरण में मतदान का समय सीट के आधार पर अलग-अलग रहेगा। 13 सीटों (तारापुर, कल्याणपुर, वारिसनगर, समस्तीपुर, उजियारपुर, मोरवा, सरायरंजन, मोहिउद्दीननगर, बिभूतिपुर, रोसड़ा, हसनपुर, मुंगेर और जमालपुर) पर सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग होगी, जबकि सिमरी बख्तियारपुर और महिषी सीट पर तथा सूर्यगढ़ा के 56 बूथों पर सुबह 7 से शाम 4 बजे तक मतदान होगा। शेष सीटों पर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान चलेगा।


वोटर लिस्ट में नाम कैसे जांचें

वोटर लिस्ट में नाम कैसे जांचें



  • अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं, तो इसके तीन आसान तरीके हैं:

  • ऑनलाइन वेबसाइट से: संबंधित वेबसाइट पर जाकर नाम और विवरण दर्ज करें।

  • मोबाइल ऐप से: Voter Helpline App डाउनलोड करें और अपने नाम या पते से सर्च करें।

  • मतदान केंद्र के बाहर: सभी राजनीतिक पार्टियों के कैंप में मतदाताओं की सूची उपलब्ध होती है, वहां जाकर भी आप अपना नाम देख सकते हैं।


वोटर कार्ड नहीं है, तो क्या करें?

वोटर कार्ड नहीं है, तो क्या करें?


अगर आपके पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है, तो भी आप वोट डाल सकते हैं, बशर्ते आपका नाम वोटर लिस्ट में मौजूद हो। इसके लिए आप निम्नलिखित में से किसी एक वैध पहचान पत्र को साथ रखें:



  • पासपोर्ट

  • ड्राइविंग लाइसेंस

  • सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र का फोटो आईडी कार्ड

  • पैन कार्ड

  • आधार कार्ड

  • बैंक या पोस्ट ऑफिस की पासबुक

  • मनरेगा जॉब कार्ड

  • लेबर मंत्रालय का हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड

  • फोटो सहित पेंशन कार्ड

  • एनपीआर (NPR) स्मार्ट कार्ड

  • सांसद/विधायक/विधान परिषद सदस्य द्वारा जारी पहचान पत्र

  • इनमें से कोई एक पहचान पत्र लेकर जाएं, आपका वोट पूरी तरह मान्य रहेगा।


अगर कोई और आपका वोट डाल दे तो क्या करें?

अगर कोई और आपका वोट डाल दे तो क्या करें?


चुनाव आयोग ने ऐसी स्थिति में 'टेंडर वोट' (Tender Vote) का प्रावधान किया है। अगर मतदान केंद्र पर आपको बताया जाए कि आपका वोट पहले ही पड़ चुका है, तो तुरंत पीठासीन अधिकारी (Presiding Officer) से शिकायत करें। वह आपके दस्तावेज़ों की जांच करेगा, और सही पाए जाने पर आपको बैलेट पेपर के जरिए टेंडर वोट डालने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि अगर शिकायत झूठी निकली, तो यह कानूनी अपराध माना जाएगा।