बिहार विधानसभा चुनाव 2025: वोटर अधिकार यात्रा का आगाज़
बिहार में राजनीतिक हलचल
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार की राजनीति एक बार फिर से सक्रिय हो गई है। कांग्रेस के राहुल गांधी और आरजेडी के तेजस्वी यादव ने 'वोटर अधिकार यात्रा' की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। यह यात्रा 17 अगस्त 2025 को सासाराम से प्रारंभ होगी और 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक रैली के साथ समाप्त होगी। इसे केवल एक राजनीतिक रैली नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य 'वोट चोरी के खिलाफ आवाज उठाना', मतदाता सूची में हो रही गड़बड़ियों को उजागर करना और नागरिकों को उनके संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना है.
यात्रा का उद्देश्य
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव इस यात्रा के माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि हर नागरिक को एक व्यक्ति, एक वोट के सिद्धांत के तहत समान अधिकार मिलना चाहिए। उनका आरोप है कि मतदाता सूची में कई गड़बड़ियां हैं और कुछ शक्तियां चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास कर रही हैं। इसलिए, यह यात्रा एक राजनीतिक मुहिम से आगे बढ़कर लोकतंत्र की रक्षा का अभियान बन गई है.
यात्रा का मार्ग
कितने जिलों से गुजरेगी ये यात्रा?
यह यात्रा 16 दिनों में 23 से 30 जिलों को कवर करेगी और कुल 1300 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यात्रा के दौरान 31 अगस्त और 20 अगस्त को दो विश्राम दिवस भी रखे गए हैं। इस दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव विभिन्न जनसभाओं को संबोधित करेंगे, लोगों से संवाद करेंगे और मतदाता अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाएंगे.
मुख्य पड़ाव
कहां-कहां से गुजरेगी यात्रा?
- 17 अगस्त: सासाराम में बड़ी रैली के साथ शुरुआत, डेहरी और औरंगाबाद होते हुए रात्रि विश्राम.
- 18-19 अगस्त: गया, नवादा, नालंदा, शेखपुरा
- 21-24 अगस्त: लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, अररिया
- 26-28 अगस्त: सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण
- 29-30 अगस्त: पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सीवान, छपरा, आरा
- 1 सितंबर: पटना में गांधी मैदान में विशाल रैली के साथ समापन
यात्रा में भागीदार
यात्रा में कौन-कौन होंगे शामिल?
इस यात्रा में कांग्रेस, आरजेडी, CPI, VIP (मुकेश सहनी) और 'इंडिया' गठबंधन के अन्य दल शामिल होंगे। 1 सितंबर की पटना रैली में इंडिया गठबंधन के राष्ट्रीय स्तर के नेता भी उपस्थित रहेंगे, जिससे विपक्षी एकता का बड़ा संदेश जाने की उम्मीद है। यह यात्रा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और देशभर में होने वाले आगामी चुनावों के लिए विपक्षी ताकतों को एकजुट करने की रणनीति भी मानी जा रही है.
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक हलकों में हलचल
विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा केवल चुनावी तैयारी नहीं, बल्कि भाजपा के खिलाफ एक मजबूत जनमत तैयार करने का प्रयास है। राहुल गांधी की इस यात्रा से बिहार में कांग्रेस को नया जीवन मिल सकता है और तेजस्वी यादव की अगुवाई में आरजेडी की स्थिति और मजबूत हो सकती है.