बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़: 11 की मौत, 47 घायल
चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ की घटना
बेंगलुरु चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़: बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की आईपीएल जीत का जश्न मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में अचानक भगदड़ मच गई। इस घटना में 11 लोगों की जान चली गई और 47 अन्य घायल हो गए। दरअसल, आरसीबी के आयोजन स्थल के बारे में मिली-जुली जानकारी के चलते प्रशंसक स्टेडियम में घुसने के लिए पेड़ों, दीवारों और गेटों पर चढ़ गए।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 700 समर्थकों ने जबरदस्ती गेट तोड़ने का प्रयास किया, जिससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई। पीड़ितों में विभिन्न जिलों के किशोर और युवा शामिल थे।
मृतकों की पहचान
जान गंवाने वाले लोगों की सूची
भगदड़ में जान गंवाने वालों में तीन किशोर और 20 से 35 वर्ष के छह लोग शामिल थे। मृतकों की पहचान पूर्ण चंद्र (26), दिव्यांशी (13), प्रज्वल (20), चिन्मयी शेट्टी (19), शिव लिंग स्वामी, भूमिक (20), सहाना (19), श्रवण (20), देवी (29), मनोज कुमार (33) और अक्षता (27) के रूप में हुई है।
भगदड़ में शामिल कुछ पीड़ितों की कहानियाँ
पूर्णा चंद्र: एक सिविल इंजीनियर
भगदड़ का शिकार होने वालों में एक सिविल इंजीनियर पूर्णा चंद्र थे, जोकि मैसूर की एक निजी कंपनी में कार्यरत थे। 26 वर्षीय पूर्णा चंद्र मांड्या जिले के निवासी थे और आरसीबी के प्रशंसकों के स्वागत समारोह में शामिल होने आए थे।
दिव्यांशी: विराट कोहली की फैन
आंध्र प्रदेश की 13 वर्षीय दिव्यांशी अपने पसंदीदा क्रिकेटर विराट कोहली की एक झलक पाने के लिए बेंगलुरु आई थी। चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास दम घुटने और सिर में चोट लगने से उसकी मौत हो गई।
प्रज्ज्वल: नौकरी के लिए इंटरव्यू पर गया था
20 वर्षीय प्रज्ज्वल, जो नौकरी के लिए इंटरव्यू देने निकला था, ने अपने परिवार को बताया था कि वह बेंगलुरु जा रहा है, लेकिन वह कार्यक्रम में भाग लेने चला गया।
चिन्मयी शेट्टी: इंजीनियरिंग की छात्रा
19 वर्षीय चिन्मयी शेट्टी, जो इंजीनियरिंग की पहली वर्ष की छात्रा थीं, अपने दोस्त के साथ आरसीबी की जीत का जश्न मनाने गईं और कभी वापस नहीं लौटीं।
शिव लिंग स्वामी: परीक्षा के बाद स्टेडियम पहुंचे
कक्षा 10 की परीक्षा पास करने के बाद शिव लिंग स्वामी स्कूल से ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने निकले थे, लेकिन चिन्नास्वामी स्टेडियम की भगदड़ का शिकार हो गए।
घटना की वजह और प्रतिक्रिया
भगदड़ का कारण
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जब विक्ट्री परेड रद्द करने की जानकारी मिली, तो 600-700 लोगों ने गेट तोड़ने का प्रयास किया, जिससे भगदड़ मच गई। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है और घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।
भावुक उपमुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मीडिया से बात करते हुए भावुक होकर कहा कि उन्होंने कई बच्चों को मरते हुए देखा है और यह घटना किसी भी परिवार के लिए भुलाने योग्य नहीं है।