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बेंगलुरु स्टेडियम भगदड़ मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: KSCA को राहत

कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेंगलुरु स्टेडियम भगदड़ मामले में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) को राहत देते हुए राज्य प्रशासन को कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का आदेश दिया है। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 56 अन्य घायल हुए थे। KSCA के अधिकारियों ने गिरफ्तारी से राहत की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आगे की सुनवाई की तारीख।
 

कर्नाटक हाईकोर्ट का आदेश

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह बेंगलुरु स्टेडियम भगदड़ मामले में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के खिलाफ किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न करे। यह निर्णय संघ के अधिकारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हुआ है, जिन्हें भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत नामित किया गया था। इस मामले में KSCA के अलावा रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और इवेंट प्रबंधन कंपनी डीएनए एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड पर भी केस दर्ज किया गया है.


दुर्घटना का विवरण

4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर एक कार्यक्रम के दौरान भारी भीड़ जमा हो गई थी, जिसमें आईपीएल 2024 की विजेता टीम आरसीबी का सम्मान किया जा रहा था। इस भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई और 56 अन्य घायल हुए। इसके बाद पुलिस ने आयोजन से जुड़े तीन पक्षों पर 'आपराधिक लापरवाही' का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी.


केएससीए अधिकारियों की याचिका

इस मामले में KSCA के प्रबंधन समिति के तीन प्रमुख अधिकारी, अध्यक्ष रघुराम भट, सचिव ए. शंकर और कोषाध्यक्ष ई.एस. जयराम ने हाईकोर्ट में गिरफ्तारी से राहत की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति एस.आर. कृष्ण कुमार ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगली सुनवाई तक KSCA के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा, बशर्ते वे जांच में पूरा सहयोग करें। इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता बिना अनुमति के राज्य से बाहर न जाएं.


सरकार का पक्ष

राज्य की ओर से महाधिवक्ता शशि किरण ने अदालत में कहा कि जांच जारी रहेगी, लेकिन अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि आरसीबी के एक अधिकारी को दुबई भागने की कोशिश करते समय एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया है। इस पर एजी ने भी पुष्टि की कि उसे भागने के प्रयास में पकड़ा गया था.


केएससीए का स्पष्टीकरण

केएससीए ने कोर्ट में यह स्पष्ट किया कि उस पर लगाए गए आरोप मनगढ़ंत हैं और यह पुलिस की जल्दबाजी का नतीजा है। एसोसिएशन ने कहा कि उसने इस घटना में किसी भी प्रकार की भूमिका नहीं निभाई थी और उसकी जिम्मेदारी केवल स्टेडियम किराए पर देने तक ही सीमित थी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि समारोह का आयोजन विधान सौधा में किया गया था, न कि स्टेडियम में.


आगे की सुनवाई

अदालत ने फिलहाल केएससीए के अधिकारियों को गिरफ्तारी से संरक्षण देते हुए इस मामले को 16 जून तक के लिए स्थगित कर दिया है.