बेलगावी में 5 साल की बच्ची के साथ बलात्कार की घटना, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया
दिल दहला देने वाली घटना
कर्नाटक के बेलगावी जिले में एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मस्जिद में 5 साल की एक मासूम बच्ची के साथ बलात्कार किया गया। यह घटना अक्टूबर 2023 की है, लेकिन हाल ही में एक सीसीटीवी फुटेज के वायरल होने के बाद यह मामला चर्चा में आया। वीडियो में बच्ची के साथ हुए यौन शोषण की घटना और उसके पिता की आवाज ने समाज में गुस्सा पैदा कर दिया है.
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 22 वर्षीय मौलवी तुफैल अहमद को गिरफ्तार किया और POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। यह घटना बच्चों की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है।
वायरल वीडियो ने खोली पोल
यह मामला तब उजागर हुआ जब बेलगावी पुलिस की सोशल मीडिया निगरानी टीम ने एक वीडियो देखा, जिसमें एक बच्ची के साथ यौन शोषण की घटना कैद थी। वीडियो में एक पुरुष की आवाज थी, जो खुद को पीड़िता का पिता बताता है और घटना का जिक्र करता है। वीडियो के वायरल होने के बाद जनता में आक्रोश भड़क उठा, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की। जांच में पता चला कि यह घटना मुरुगोद क्षेत्र की एक मस्जिद में हुई थी। पुलिस ने मस्जिद समिति की मदद से पीड़िता के परिवार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन परिवार ने डर और सामाजिक दबाव के कारण शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। जिला बाल संरक्षण इकाई की मदद से एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने POCSO एक्ट और IPC की धाराओं के तहत शिकायत दर्ज की। पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और बागलकोट जिले के मालेपुर गांव से आरोपी तुफैल अहमद को रातों-रात गिरफ्तार कर लिया। तुफैल को हिंदलगा जेल में न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस अधीक्षक भीमाशंकर गुलेड़ ने कहा कि इस मामले ने बच्चों के खिलाफ अपराधों की गंभीरता को उजागर किया है और समाज को ऐसे मामलों की शिकायत तुरंत करने की आवश्यकता है।
परिवार में डर और दबाव
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि पीड़िता के पिता को इस घटना और वीडियो की जानकारी उसी समय से थी, लेकिन उन्होंने सामाजिक दबाव और डर के कारण पुलिस में शिकायत नहीं की। वीडियो में उनकी आवाज और दर्द साफ सुनाई दे रहा था, जिसमें वह अपनी बेटी के साथ हुई इस जघन्य घटना पर दुख जता रहे थे। पुलिस ने परिवार को भरोसा दिलाया कि उनकी सुरक्षा और गोपनीयता का ध्यान रखा जाएगा, लेकिन परिवार की चुप्पी ने इस मामले को दो साल तक दबाए रखा। यह स्थिति समाज में बच्चों के खिलाफ अपराधों की शिकायत में देरी के सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं को उजागर करती है।
पुलिस अधीक्षक की अपील
पुलिस अधीक्षक भीमाशंकर गुलेड़ ने जनता से अपील की कि ऐसे अपराधों को तुरंत रिपोर्ट करें, ताकि पीड़ितों को समय पर न्याय मिल सके। उन्होंने कहा, “यह मामला एक सबक है। भले ही कोई अपराधी शुरुआत में बच निकले, लेकिन कानून का लंबा हाथ उसे पकड़ ही लेता है।” यह घटना बच्चों की सुरक्षा के लिए सख्त कानूनों और सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता को दर्शाती है। बेलगावी पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर एक मिसाल कायम की है, लेकिन यह सवाल अब भी बना हुआ है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समाज और व्यवस्था को और कितना जागरूक होना होगा।