×

बोइंग के 3,200 कर्मचारियों की हड़ताल, रक्षा उत्पादन पर पड़ेगा असर

बोइंग के 3,200 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं, जो कंपनी के सेंट लुईस रक्षा संयंत्रों में लगभग 30 वर्षों में पहली बार है। यूनियन सदस्यों ने संशोधित अनुबंध को अस्वीकार कर दिया है, जिसके चलते यह हड़ताल शुरू हुई। इसका प्रभाव F-15 और F/A-18 जैसे सैन्य विमानों के उत्पादन पर पड़ेगा। कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें उचित वेतन और सम्मान मिले। बोइंग का दावा है कि प्रस्तावित अनुबंध से औसत वेतन में 40% की वृद्धि होगी, लेकिन यूनियन इससे सहमत नहीं है।
 

बोइंग की हड़ताल का कारण


बोइंग हड़ताल: अमेरिका की प्रमुख एयरोस्पेस कंपनी बोइंग के 3,200 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। यह हड़ताल कंपनी के सेंट लुईस स्थित रक्षा संयंत्रों में लगभग 30 वर्षों में पहली बार हो रही है। यूनियन सदस्यों ने कंपनी द्वारा प्रस्तुत संशोधित अनुबंध को अस्वीकार कर दिया, जिसके चलते यह हड़ताल शुरू हुई। इसका प्रभाव F-15 और F/A-18 जैसे सैन्य विमानों के उत्पादन पर पड़ेगा। यूनियन के नेता कर्मचारियों के लिए उचित वेतन और सम्मान की मांग कर रहे हैं।


इस हड़ताल का असर बोइंग के फाइटर जेट और अन्य महत्वपूर्ण विमानन उपकरणों के निर्माण पर पड़ेगा। ये कर्मचारी मुख्य रूप से कंपनी के रक्षा क्षेत्र में कार्यरत हैं, जहां वे विमानों और स्ट्राइक सिस्टम की डिजाइनिंग, असेंबली और रखरखाव करते हैं। यह हड़ताल लेबर कॉन्ट्रैक्ट में असहमति के कारण शुरू हुई है, जो रविवार रात से लागू है।


हड़ताल बोइंग के चार साल के अनुबंध के प्रस्ताव पर असंतोष के कारण हुई है। इस प्रस्ताव में 20% वेतन वृद्धि, 5,000 डॉलर का बोनस, और बेहतर छुट्टियों का वादा शामिल था। बोइंग का दावा है कि इस प्रस्ताव से औसत वेतन में 40% की वृद्धि होगी, लेकिन इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ मशीनिस्ट्स एंड एयरोस्पेस वर्कर्स (IAMAW) के सदस्य इससे सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि संशोधित प्रस्ताव पहले वाले जैसा ही है, जिसे पहले ही अस्वीकार किया जा चुका है।


बोइंग की स्थापना 1916 में हुई थी और यह दुनिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनियों में से एक मानी जाती है। कंपनी वाणिज्यिक विमानों जैसे 737, 747, 787 के साथ-साथ फाइटर जेट, सैटेलाइट और मिसाइल सिस्टम का निर्माण करती है। इसका मुख्यालय शिकागो, अमेरिका में है। बोइंग वैश्विक विमानन और रक्षा उद्योग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो विभिन्न देशों के लिए अत्याधुनिक तकनीक और उपकरण प्रदान करता है।