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ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ट्रंप के टैरिफ पर तीखी प्रतिक्रिया

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ योजनाओं की कड़ी आलोचना की गई। नेताओं ने एकतरफा दबाव डालने वाले उपायों की निंदा की और अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन पर चिंता जताई। इस सम्मेलन में शामिल देशों ने वैश्विक मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण साझा किए। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक में क्या चर्चा हुई और इसका वैश्विक प्रभाव क्या हो सकता है।
 

ट्रंप पर ब्रिक्स नेताओं की आलोचना

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ट्रंप के टैरिफ पर प्रतिक्रिया: हाल ही में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ योजनाओं की कड़ी आलोचना की गई। ब्रिक्स के नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें प्रतिबंधों की निंदा, युद्ध के दौरान भुखमरी का उपयोग और ईरान पर हवाई हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताना शामिल है। ट्रंप ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका विरोधी नीतियों का समर्थन करने वाले देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा।


ब्रिक्स नेताओं के बयान की मुख्य बातें

ब्रिक्स नेताओं ने अपने बयान में कहा, "हम एकतरफा दबाव डालने वाले उपायों की निंदा करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ हैं। ये उपाय, जैसे कि आर्थिक प्रतिबंध और द्वितीयक प्रतिबंध, लक्षित देशों की जनसंख्या के विकास, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के अधिकारों पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, विशेषकर गरीब और कमजोर वर्गों पर।"


साझा वक्तव्य का महत्व

रविवार को जारी किए गए साझा वक्तव्य में कहा गया है, "हम ऐसे गैरकानूनी उपायों को समाप्त करने का आह्वान करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों को कमजोर करते हैं। ब्रिक्स सदस्य देश गैर-संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा अधिकृत प्रतिबंधों का समर्थन नहीं करते हैं।" यह वक्तव्य ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित शिखर सम्मेलन के पहले दिन जारी किया गया था, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया, मिस्र, ईरान और यूएई शामिल हैं।


अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर ब्रिक्स का दृष्टिकोण

इस वक्तव्य को सभी 10 सदस्य देशों का समर्थन प्राप्त हुआ है, जिसमें पश्चिम एशिया की स्थिति, वैश्विक संघर्ष और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की गई है।