भारत-अमेरिका संबंधों में नई जटिलता: आशा जडेजा मोटवानी की सलाह
भारत और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद, दोनों देशों के बीच संबंधों में जटिलता आ गई है। इस स्थिति में, भारतीय मूल की अमेरिकी निवेशक और रिपब्लिकन पार्टी की प्रमुख डोनर, आशा जडेजा मोटवानी ने एक महत्वपूर्ण सलाह दी है। उन्होंने भारत को ट्रंप के विचारों को समझने और उनसे सीधे संवाद करने की सलाह दी है। उनका मानना है कि यदि भारत सही तरीके से संपर्क करता है, तो यह समस्या हल हो सकती है।मोटवानी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि वह रिपब्लिकन पार्टी की एकमात्र भारतीय-अमेरिकी मेगाडोनर हैं और भारत को उनकी राय पर ध्यान देने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि वह पूरी तरह से सही नहीं हो सकती, लेकिन उनका अनुमान काफी करीब हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि फेडरल इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर जाकर कोई भी देख सकता है कि वह किसे और कितने फंड देती हैं, जो उनके राजनीतिक रुझानों को भी दर्शाता है।
ट्रंप की शांति प्रयासों की सराहना
आशा मोटवानी ने अपनी पोस्ट में उल्लेख किया कि ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने के लिए अपने दो प्रमुख मंत्रियों, जेडी वेंस और मार्को रुबियो को नियुक्त किया था। हालांकि, यह प्रयास सफल रहा या नहीं, यह महत्वपूर्ण नहीं है। मोटवानी का मानना है कि ट्रंप की नीयत नेक थी और उनका उद्देश्य शांति स्थापित करना था। उन्होंने भारत से अपील की कि ट्रंप के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया जाए, क्योंकि उनके प्रयासों में सकारात्मक पहलू था।
उन्होंने आगे कहा कि भारत की ओर से ट्रंप को एक फूल और एक अच्छा कार्ड दिया जा सकता है। उनका मानना है कि ट्रंप की शांति की ओर बढ़ती नीतियों की सराहना की जानी चाहिए, विशेषकर उनके आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच शांति समझौते के प्रयासों के लिए। यदि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार मिलता है, तो यह उनकी मेहनत का परिणाम होगा और इससे उन्हें और ताकत मिल सकती है।
भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों पर मोटवानी की अपील
मोटवानी ने ट्रंप से एक और महत्वपूर्ण अपील की, जिसमें उन्होंने भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया। उनके अनुसार, अमेरिका ने अन्य एशियाई देशों के साथ व्यापारिक समझौते किए हैं, लेकिन भारत के विशाल बाजार तक अमेरिका की विशेष पहुंच है। इसके अलावा, भारत की भूमिका रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण है, जो अमेरिका और भारत दोनों के लिए फायदेमंद हो सकती है।
आशा जडेजा मोटवानी, एक सिलिकॉन वैली की प्रमुख निवेशक हैं और उनके पास व्यापक अनुभव है। उनके फेडरल इलेक्शन रिकॉर्ड के अनुसार, उन्होंने रिपब्लिकन नेशनल कमिटी को 31 मई 2024 को $123,900 (करीब 1 करोड़ रुपये) का फंड दिया था। इसके अलावा, मोटवानी ने हमेशा अपनी राजनीतिक राय स्पष्ट रूप से व्यक्त की है और उनका प्रभाव अमेरिका में महत्वपूर्ण है।