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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता जारी, गलत सूचनाओं का खंडन

भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि देश अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर शुल्क-माफी की समीक्षा नहीं कर रहा है। यह बयान उन गलत सूचनाओं के बीच आया है, जिनमें कहा गया था कि भारत द्विपक्षीय समझौतों को समाप्त करने की योजना बना रहा है। अगस्त के अंत में एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भारत का दौरा करेगा, जिससे व्यापार वार्ता को आगे बढ़ाने की उम्मीद है। जानें इस संबंध में और क्या जानकारी सामने आई है।
 

भारत का स्पष्ट बयान

भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि देश अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर शुल्क-माफी की समीक्षा नहीं कर रहा है और न ही द्विपक्षीय समझौतों को समाप्त करने का कोई इरादा है। ये सभी आरोप पूरी तरह से गलत हैं। इसके साथ ही, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत जारी है, और अगस्त के अंत में एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भारत का दौरा करेगा।


सोशल मीडिया पर फैली गलत जानकारी

विदेश मंत्रालय (MEA) की फैक्ट-चेक यूनिट ने उन खबरों को खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया था कि भारत अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ छूट की समीक्षा कर रहा है। यह प्रतिक्रिया तब आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाल ही में भारत पर 25% आयात शुल्क लगाया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा है।


समझौतों को समाप्त करने की अफवाहें निराधार

समझौते खत्म करने की बात भी झूठी निकली

एक अन्य रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि भारत अमेरिकी आर्थिक नीतियों से असंतुष्ट होकर अपने द्विपक्षीय समझौतों को समाप्त करने की योजना बना रहा है। लेकिन MEA ने इसे भी गलत बताया है, यह स्पष्ट करते हुए कि भारत ऐसा कोई कदम नहीं उठा रहा है। भारत सरकार ने कहा है कि दोनों देश व्यापारिक मुद्दों पर संवाद के माध्यम से समाधान खोजने का प्रयास कर रहे हैं।


अगस्त में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का दौरा

अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल अगस्त में आएगा भारत

सूत्रों के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच छठे दौर की व्यापार वार्ता अगस्त के अंत में होने वाली है। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल 24 अगस्त को नई दिल्ली पहुंचने वाला है। वर्तमान में बातचीत वर्चुअल माध्यम से चल रही है, लेकिन उम्मीद है कि इस दौरे के दौरान दोनों पक्ष बाकी मुद्दों पर सहमति बना लेंगे। अधिकारियों का मानना है कि इस दौर की बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच एक संतुलित और लाभकारी व्यापार समझौता संभव हो सकेगा।