भारत और इजराइल के बीच आर्थिक संबंधों में नई ऊँचाइयाँ
भारत-इजराइल आर्थिक संबंधों पर चर्चा
8 सितंबर 2025 को दिल्ली में इजराइल के वित्त मंत्रालय के मुख्य अर्थशास्त्री शमूएल अब्रामजोन ने भारत और इजराइल के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों पर अपने विचार साझा किए। एक मीडिया इंटरव्यू में उन्होंने अडाणी ग्रुप के हाइफा पोर्ट में निवेश की सराहना की और भारतीय कंपनियों के लिए इजराइल में निवेश के कई अवसरों की जानकारी दी। इस दिन दोनों देशों ने एक द्विपक्षीय निवेश समझौते (BIA) पर हस्ताक्षर किए, जो व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा। यह समझौता इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर (IMEC) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
शमूएल अब्रामजोन का परिचय
शमूएल अब्रामजोन इजराइल के वित्त मंत्रालय में मुख्य अर्थशास्त्री हैं। वे आर्थिक अनुसंधान, पूर्वानुमान और नीति निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने RAND Corporation में ऊर्जा नीति, अंतरराष्ट्रीय विकास और श्रम नीति जैसे क्षेत्रों में कार्य किया है। पीएचडी धारक अब्रामजोन इजराइल की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। उनके बयानों से स्पष्ट है कि इजराइल भारत को निवेश और रक्षा जैसे क्षेत्रों में एक विश्वसनीय साझेदार मानता है।
अडाणी ग्रुप का हाइफा पोर्ट में बड़ा निवेश
अब्रामजोन ने अडाणी ग्रुप के हाइफा पोर्ट में निवेश को हाल के वर्षों का सबसे महत्वपूर्ण निवेश बताया। जनवरी 2023 में, अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) ने इजराइली कंपनी गाडोट ग्रुप के साथ साझेदारी में हाइफा पोर्ट का 70% शेयर 1.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 4 बिलियन इजराइली शेकेल) में खरीदा। यह इजराइल का सबसे बड़ा समुद्री पोर्ट है, जो भूमध्य सागर में स्थित है। अडाणी ग्रुप ने पोर्ट की क्षमता बढ़ाने और इसे क्षेत्रीय व्यापार केंद्र बनाने का वादा किया है। यह निवेश दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूत कर रहा है और भारत के वैश्विक व्यापार नेटवर्क का विस्तार कर रहा है।
इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के अवसर
अब्रामजोन ने इजराइल में भारतीय कंपनियों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां इजराइल में विभिन्न परियोजनाओं में भाग ले सकती हैं। उन्होंने रेलवे परियोजनाओं में बड़े निवेश के अवसरों की बात की और तेल अवीव मेट्रो सिस्टम को एक प्रमुख मेट्रो परियोजना बताया, जहां भारतीय कंपनियों का अनुभव उपयोगी हो सकता है। उन्होंने बताया कि समुद्री जल को पीने के पानी में बदलने वाली परियोजनाओं में भी भारतीय कंपनियों की रुचि है।
रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय साझेदारी
रक्षा उत्पादन पर चर्चा करते हुए अब्रामजोन ने इजराइल को एक छोटा देश बताया जो बड़े पैमाने पर उत्पादन केंद्र नहीं है, जबकि भारत तेजी से एक वैश्विक निर्माण केंद्र बन रहा है। उन्होंने इजराइली तकनीक और नवाचार को भारत की उत्पादन क्षमता के साथ जोड़ने को एक आदर्श मेल बताया। 2025 में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और गहरा हुआ है। इजराइल भारत का चौथा सबसे बड़ा रक्षा उपकरण आपूर्तिकर्ता है, जो भारत के कुल रक्षा आयात का 13% प्रदान करता है। हाल के महीनों में संयुक्त उत्पादन, सैन्य अभ्यास और तकनीकी हस्तांतरण में वृद्धि हुई है।
हालिया विकास और भविष्य की संभावनाएँ
8 सितंबर 2025 को इजराइल के वित्त मंत्री की भारत यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित द्विपक्षीय निवेश समझौता दोनों देशों के बीच निवेश को बढ़ावा देगा। यह समझौता निवेशकों को संपत्ति जब्ती से सुरक्षा, पूंजी हस्तांतरण की सुविधा और हानि पर मुआवजे जैसे प्रावधान प्रदान करता है। वर्तमान में द्विपक्षीय निवेश केवल 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर है, लेकिन इसमें तेजी से वृद्धि की उम्मीद है। दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं, जो व्यापार को और मजबूत करेगा। इजराइल से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 337.77 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है।