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भारत और उज्बेकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव ने हाल ही में फोन पर बातचीत की, जिसमें द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की गई। इस वार्ता के दौरान, राष्ट्रपति मिर्जियोयेव ने भारत के स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं दीं। दोनों नेताओं ने व्यापार, स्वास्थ्य, और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में प्रगति पर चर्चा की और ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। जानें इस बातचीत के प्रमुख बिंदुओं और भविष्य की संभावनाओं के बारे में।
 

प्रधानमंत्री मोदी और उज्बेक राष्ट्रपति की बातचीत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव के साथ फोन पर वार्ता की, जिसमें दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की गई। इस दौरान, राष्ट्रपति मिर्जियोयेव ने भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी और भारतीय नागरिकों को शुभकामनाएं दीं।


दोनों नेताओं ने व्यापार, संपर्क, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी और जन-से-जन संबंध जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हुई प्रगति का मूल्यांकन किया। इसके साथ ही, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की गई। उन्होंने भारत और मध्य एशिया के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव के साथ एक सार्थक बातचीत हुई। हमने द्विपक्षीय सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हुई प्रगति की समीक्षा की और भारत-उज्बेकिस्तान रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए अपने साझा संकल्प को दोहराया।” दोनों नेताओं ने भविष्य में संपर्क बनाए रखने पर भी सहमति जताई।


भारत और उज्बेकिस्तान के बीच संबंधों की ऐतिहासिक गहराई है। संस्कृत और पाली साहित्य में ‘काम्बोज’ का उल्लेख मिलता है, जिसमें वर्तमान उज्बेकिस्तान के कुछ हिस्से शामिल माने जाते हैं। यह माना जाता है कि महाभारत में शक जाति ने कौरवों की ओर से युद्ध में भाग लिया था। प्राचीन व्यापार मार्ग ‘उत्तरपथ’ उज्बेकिस्तान से होकर गुजरता था, और फ़रगाना, समरकंद और बुखारा जैसे नगर भारत को यूरोप और चीन से जोड़ने वाले प्रमुख व्यापारिक केंद्र बने।