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भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हुई बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत हुई। इस समझौते के तहत भारत को न्यूजीलैंड के 95% निर्यात पर टैरिफ में कमी मिलेगी। दोनों नेता इस समझौते के माध्यम से अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने की योजना बना रहे हैं। जानें इस समझौते के संभावित लाभ और भविष्य की योजनाएं।
 

प्रधानमंत्री मोदी और क्रिस्टोफर लक्सन के बीच वार्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने सोमवार को टेलीफोन पर बातचीत की। इस चर्चा का मुख्य विषय दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देना था। दोनों नेताओं ने इस महत्वाकांक्षी समझौते के सफल होने की घोषणा की, जो रिकॉर्ड नौ महीनों में पूरा हुआ।


नेताओं ने आर्थिक संबंधों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के प्रति आशा व्यक्त की, जिसका उद्देश्य अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करना है। इसके अलावा, अगले 15 वर्षों में भारत में न्यूजीलैंड से 20 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।


समझौते के लाभ

लक्सन ने समझौते के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि भारत को न्यूजीलैंड के 95% निर्यात पर टैरिफ हटा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस मुक्त व्यापार समझौते के समापन के बाद, न्यूजीलैंड से भारत को होने वाला निर्यात अगले दो दशकों में 1.1 अरब डॉलर से 1.3 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है।


इस कदम से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और न्यूजीलैंड के नागरिकों को बेहतर वेतन मिलेगा, क्योंकि उन्हें तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक तक पहुंच प्राप्त होगी।


व्यापार के अवसर

व्यापार को बढ़ावा देने का अर्थ है न्यूजीलैंड में अधिक रोजगार और अवसर। यह समझौता दोनों देशों के बीच मित्रता को और मजबूत करेगा। भारत, जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, न्यूजीलैंड के व्यवसायों को 1.4 अरब भारतीय उपभोक्ताओं तक पहुंच प्रदान करेगा।