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भारत और श्रीलंका के बीच सहयोग: चक्रवात दित्वा के बाद की स्थिति

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने श्रीलंका के तमिल नेताओं के साथ बातचीत की, जिसमें चक्रवात दित्वा के बाद पुनर्निर्माण के प्रयासों पर चर्चा की गई। उन्होंने भारत की सहायता और सहयोग की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। जयशंकर ने कहा कि भारत श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए पर्यटन को बढ़ावा देने और निवेश में वृद्धि पर ध्यान देगा। इस कठिन समय में भारत श्रीलंका के साथ खड़ा है, जो 2022 के आर्थिक संकट के बाद नई चुनौतियों का सामना कर रहा है।
 

जयशंकर की श्रीलंकाई तमिल नेताओं से बातचीत

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को श्रीलंका के तमिल नेताओं के साथ संवाद किया। उन्होंने चक्रवात दित्वा के बाद पुनर्निर्माण में भारत की भूमिका पर जोर दिया। एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने बताया कि आज दोपहर उन्होंने श्रीलंकाई तमिल नेताओं से चर्चा की। इस बातचीत में उन्होंने पुनर्निर्माण और पुनर्वास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। इससे पहले, श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिथा हेरथ के साथ एक बैठक में, जयशंकर ने कहा कि चक्रवात से हुए नुकसान को देखते हुए भारत श्रीलंका को त्वरित सहायता प्रदान करने को प्राथमिकता दे रहा है।


उन्होंने कहा कि हमें यह समझना चाहिए कि चक्रवात दित्वा के प्रभाव को कम करने के लिए शीघ्रता से कार्य करना आवश्यक है। हम सहायता पहुंचाने के लिए एक प्रभावी समन्वय तंत्र पर चर्चा कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए, जयशंकर ने कहा कि भारत श्रीलंका में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत कई अन्य तरीकों से श्रीलंका की मदद कर सकता है। मंत्री जी, आपका देश पर्यटन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था है, और मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम इस दिशा में भारत से पर्यटन को बढ़ावा देना जारी रखेंगे। इसी तरह, भारत से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि भी इस नाजुक समय में आपकी अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर सकती है। इसलिए, हमारी चर्चाओं में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर भी ध्यान दिया जाएगा।


जयशंकर ने यह भी कहा कि इस कठिन समय में भारत श्रीलंका के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा, 'हम पूरी तरह से समझते हैं कि श्रीलंका के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है। 2022 के आर्थिक संकट के बाद, इस प्राकृतिक आपदा ने नई चुनौतियाँ पेश की हैं।'