भारत का निर्यात 2025 में नई ऊंचाइयों पर पहुंचा
भारत ने विपरीत परिस्थितियों में निर्यात में नई उपलब्धियां हासिल की
कुल निर्यात 825.25 अरब डॉलर तक पहुंचा
वर्ष 2025 ने वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के लिए कई चुनौतियाँ पेश की, लेकिन भारत ने इनका सामना करते हुए उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उद्योग और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत उच्च टैरिफ के बावजूद, भारत ने अपनी नीतियों में बदलाव कर विकास की गति को बनाए रखा। इस वर्ष भारत ने रिकॉर्ड निर्यात, महत्वपूर्ण वैश्विक व्यापार समझौतों और घरेलू व्यापार को सुगम बनाने के लिए सुधारों का कार्य किया।
मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का कुल निर्यात 825.25 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.05 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। सेवाओं के निर्यात ने महत्वपूर्ण योगदान दिया, जो 387.54 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच इलेक्ट्रॉनिक सामान, इंजीनियरिंग उत्पाद, दवाइयां, समुद्री उत्पाद और चावल निर्यात के प्रमुख क्षेत्र बने।
सरकार की डिजिटल पहलों का लाभ
उद्योग मंत्री ने बताया कि व्यापार को सरल बनाने के लिए सरकार ने कई डिजिटल पहलों की शुरुआत की है। निर्यातकों के लिए ट्रेड कनेक्ट ई-प्लेटफॉर्म को सिंगल डिजिटल विंडो के रूप में लॉन्च किया गया है, जबकि ट्रेड इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स (TIA) पोर्टल भी शुरू किया गया है। ये प्लेटफॉर्म डिजिटल व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत कर रहे हैं और व्यापार के अनुभव को बेहतर बना रहे हैं।
भारत ने तीन महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, भारत ने तीन महत्वपूर्ण समझौतों को अंतिम रूप दिया है: भारत-यूके व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता, भारत-ओमान व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता और न्यूजीलैंड के साथ मुक्त व्यापार समझौता। इसके अलावा, कई देशों और क्षेत्रों के साथ बातचीत सालभर जारी रही। भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या 2 लाख के पार पहुंच गई है, जिससे 21 लाख से अधिक नौकरियों का सृजन हुआ है। भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 139 अर्थव्यवस्थाओं में 38वें स्थान पर पहुंच गया है।