भारत की अर्थव्यवस्था: 30 वर्षों तक सबसे तेज़ वृद्धि की उम्मीद
भारत की आर्थिक स्थिति पर केंद्रीय मंत्री का बयान
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में सीआईआई के वार्षिक व्यापार सम्मेलन में भारत की आर्थिक प्रगति के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि अगले 30 वर्षों में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
गोयल ने कहा कि भारत अब विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ महीनों की मंदी के बाद, देश की अर्थव्यवस्था फिर से तेजी से उभर रही है। इसी कारण भारत यूके, यूरोपीय संघ, चिली और अमेरिका जैसे देशों के साथ व्यापार समझौते कर रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि EFTA देशों ने भारत में 100 अरब डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का आश्वासन दिया है, जो भारत के औद्योगिक और आर्थिक विकास को सशक्त करेगा।
वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की मजबूती
ग्लोबल अस्थिरता के बावजूद, भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को संतुलित रखा है। गोयल ने कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बाजार में तरलता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
शेयर बाजार के संदर्भ में, उन्होंने कहा कि पिछले दशक में भारत के शेयर बाजार ने वैश्विक स्तर पर सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। भारत की प्रमुख 100-200 कंपनियों ने लगभग 20% सालाना औसत रिटर्न (CAGR) दिया है, जो विश्व में सबसे उत्कृष्ट है।
पीएम मोदी की आर्थिक रणनीतियाँ
पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए तीन प्रमुख उपाय किए हैं:
- मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के लिए आरबीआई को सक्रिय किया गया।
- बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर निवेश किया गया।
- उपभोग को बढ़ावा देने के लिए नीतियाँ लागू की गईं।
2027 तक भारत की आर्थिक स्थिति
आईएमएफ (IMF) की रिपोर्ट के अनुसार, गोयल ने कहा कि 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, यह उपलब्धि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच हासिल होगी।
ऑपरेशन सिंदूर पर गोयल का बयान
सम्मेलन के दौरान, पीयूष गोयल ने "ऑपरेशन सिंदूर" का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "इस अभियान ने दुनिया को दिखा दिया है कि भारत अपनी राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए कभी पीछे नहीं हटेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि यह अभियान 140 करोड़ भारतीयों की सुरक्षा और गरिमा के लिए भारत के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है.