×

भारत के पासपोर्ट सिस्टम में महत्वपूर्ण बदलाव: ई-पासपोर्ट और नई सुविधाएँ

भारत अपने पासपोर्ट सिस्टम में कई महत्वपूर्ण बदलाव कर रहा है, जिसमें RFID चिप वाले ई-पासपोर्ट की शुरुआत और निवास का पता हटाना शामिल है। नए नियमों के तहत, 1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे लोगों को जन्म प्रमाण पत्र जमा करना होगा, जबकि पुराने पासपोर्ट धारकों को तुरंत बदलाव की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा, सरकार 2030 तक पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही है। जानें इन बदलावों के बारे में और अधिक जानकारी।
 

भारत का पासपोर्ट सिस्टम हो रहा है आधुनिक

भारत अपने पासपोर्ट प्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, जिसमें सुरक्षा को बढ़ाने और प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए RFID चिप वाले ई-पासपोर्ट पेश किए जा रहे हैं। पासपोर्ट से निवास का पता हटाया जाएगा और विविध पारिवारिक संरचनाओं को ध्यान में रखते हुए माता-पिता के नाम को भी शामिल नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, सरकार 2030 तक पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही है।


भारतीय पासपोर्ट 2.0: नई डिजिटल दुनिया में कदम

भारतीय पासपोर्ट अब नई डिजिटल दुनिया में प्रवेश कर चुका है और 2025 तक सभी आधुनिकीकरण के लिए तैयार होगा। इस प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य सुरक्षा, गोपनीयता और पहुंच को बढ़ाना है। यदि आप भारतीय पासपोर्ट में होने वाले बदलावों के बारे में जानना चाहते हैं, तो ये 5 बातें आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं।


चिप-समर्थित ई-पासपोर्ट की शुरुआत

भारत ने गोवा और रांची जैसे कुछ शहरों में चिप-समर्थित ई-पासपोर्ट की शुरुआत कर दी है। इन पासपोर्ट में RFID चिप होती है, जो बायोमेट्रिक और व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रूप से एम्बेड करती है, जिसमें फिंगरप्रिंट और तस्वीरें शामिल हैं। इस तकनीक का उद्देश्य पहचान की चोरी और धोखाधड़ी के जोखिम को कम करना है।


नए पासपोर्ट के लिए आवश्यक दस्तावेज

1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे सभी व्यक्तियों को पासपोर्ट के लिए अपना जन्म प्रमाण पत्र जमा करना होगा। यह प्रमाण पत्र जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार द्वारा जारी किया जाना चाहिए। वहीं, 1 अक्टूबर 2023 से पहले जन्मे लोग वैकल्पिक दस्तावेज जैसे आधार, पैन कार्ड या स्कूल प्रमाणपत्र का उपयोग कर सकते हैं।


आवासीय पता और माता-पिता के नाम में बदलाव

अब पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ पर आवासीय पता नहीं होगा, बल्कि एक बारकोड होगा, जिसे स्कैन करने पर आपके फोन पर पता दिखेगा। यह जानकारी केवल इमीग्रेशन अधिकारियों द्वारा एक्सेस की जा सकेगी। इसके अलावा, नए पासपोर्ट में माता-पिता के नाम को शामिल नहीं किया जाएगा, जिससे सिंगल पैरेंट्स और विविध पारिवारिक संरचनाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल हो जाएगी।


2030 तक पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या बढ़ाने की योजना

सरकार ने 2030 तक पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या 442 से बढ़ाकर 600 करने का लक्ष्य रखा है। इसका उद्देश्य प्रोसेसिंग समय को कम करना और नागरिकों के लिए पासपोर्ट सेवाओं को अधिक सुविधाजनक बनाना है, विशेषकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहने वालों के लिए।