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भारत को मिल सकती है सुखोई 57 स्टेल्थ फाइटर जेट की डील, पुतिन का दौरा दिसंबर में

भारत को सुखोई 57 स्टेल्थ फाइटर जेट की डील से संबंधित एक महत्वपूर्ण समाचार मिल सकता है। दिसंबर में राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी इस डील पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। यह डील भारत की शर्तों पर होगी, जिसमें 100% तकनीकी ट्रांसफर का प्रस्ताव भी शामिल है। एचएएल ने पहले से ही उत्पादन क्षमता का आकलन किया है और एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है। जानें इस डील के संभावित लाभ और एचएएल की तैयारी के बारे में।
 

भारत को मिल रही है बड़ी खुशखबरी

भारत को नए साल से पहले एक महत्वपूर्ण समाचार मिलने की संभावना है। दिसंबर में, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आ सकते हैं, जब प्रधानमंत्री मोदी सुखोई 57 फिफ्थ जनरेशन स्टेल्थ फाइटर जेट के लिए एक महत्वपूर्ण डील पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। यह डील भारत की शर्तों पर होगी, जो कि भारत की आवश्यकताओं के अनुसार तय की जाएगी।


रूस की एक तकनीकी टीम ने हिंदुस्तान एयरनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें कहा गया है कि सुखोई 57 लड़ाकू विमानों के उत्पादन की पूरी क्षमता भारत में उपलब्ध है। इसके साथ ही, रूस ने भारत को सुखोई 57 स्टेल्थ फाइटर जेट के लिए 100% तकनीकी ट्रांसफर और सोर्स कोड देने का प्रस्ताव भी दिया है।


डील के संभावित लाभ

रूस ने स्पष्ट किया है कि यदि यह सौदा सफल होता है, तो भारत में ही इन फाइटर विमानों का उत्पादन किया जाएगा। एचएएल के पास पहले से ही लगभग 50% उत्पादन क्षमता मौजूद है, जो सुखोई 57 ई स्टेल्थ फाइटर विमानों के घरेलू निर्माण के लिए आवश्यक है। यह रिपोर्ट रूस के सुखोई डिजाइन ब्यूरो और अन्य रक्षा संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई है।


एचएएल की तैयारी

सितंबर में, रूसी तकनीकी टीम ने एचएएल की प्रमुख उत्पादन सुविधाओं का दौरा किया था, ताकि सुखोई-57ई के स्वदेशी उत्पादन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और तकनीकी तत्परता का मूल्यांकन किया जा सके। एचएएल के पास सुखोई विमान बनाने की तकनीक पहले से ही मौजूद है, क्योंकि भारत ने सुखोई-30एमकेआई के लिए लाइसेंस प्राप्त उत्पादन का समझौता दिसंबर 2000 में किया था।


आंतरिक रिपोर्ट का निर्माण

सूत्रों के अनुसार, एचएएल अब एक विस्तृत आंतरिक रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसमें यह आकलन किया जा रहा है कि सुखोई 57 के पूर्ण पैमाने पर उत्पादन के लिए किन क्षेत्रों में निवेश की आवश्यकता होगी। इसमें एडवांस कंपोजिट सामग्रियों, रेडार, अब्सॉर्बिंग कोटिंग्स, और अगली पीढ़ी के इंजन के परीक्षण के लिए टेस्ट बेड बनाने में निवेश को प्राथमिकता दी गई है।