×

भारत ने अमेरिका से हथियार खरीदने की योजना रोकी, ट्रंप के टैरिफ वॉर का असर

भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के चलते अमेरिका से हथियार खरीदने की योजना को रोकने का निर्णय लिया है। इस प्रस्तावित डील में P-8I पोसीडन विमान और अन्य सैन्य उपकरण शामिल थे। ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ के कारण यह कदम उठाया गया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया है। जानें इस घटनाक्रम का भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग पर क्या असर पड़ेगा और भारत की प्रतिक्रिया क्या है।
 

भारत का कड़ा रुख

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किए गए टैरिफ वॉर के चलते भारत ने अमेरिकी हथियारों और विमानों की खरीदारी की अपनी महत्वाकांक्षी योजना को फिलहाल रोकने का निर्णय लिया है। इस प्रस्तावित सौदे में भारत को P-8I पोसीडन विमान, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और एंटी-मिसाइल टैंक खरीदने थे, जिनकी कुल लागत लगभग 31,500 करोड़ रुपये आंकी गई थी। इस डील पर चर्चा के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की वाशिंगटन यात्रा निर्धारित थी, लेकिन अब इसे स्थगित कर दिया गया है.


ट्रंप के टैरिफ का प्रभाव

सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय ट्रंप द्वारा भारत के निर्यात पर भारी टैरिफ लगाने के बाद लिया गया है। यह कदम तब उठाया गया है जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ता जा रहा है।


भारतीय निर्यात पर टैरिफ की स्थिति

6 अगस्त को ट्रंप ने भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने के मुद्दे पर भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। उनका आरोप था कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन पर हमले में आर्थिक सहयोग दे रहा है। इस नए शुल्क के बाद भारतीय निर्यात पर कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया है, जो अमेरिका के अन्य व्यापारिक साझेदारों पर लगाए गए शुल्क से अधिक है.


भारत की प्रतिक्रिया

भारत सरकार का कहना है कि वह वाशिंगटन के साथ वार्ता में सक्रिय रूप से शामिल है और टैरिफ तथा द्विपक्षीय संबंधों की दिशा स्पष्ट होने के बाद रक्षा सौदों पर आगे बढ़ा जा सकता है।


रक्षा मंत्रालय और पेंटागन की प्रतिक्रिया

भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसे अनुचित रूप से निशाना बनाया जा रहा है, जबकि अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी अपने हित में रूस के साथ व्यापार जारी रखते हैं। रक्षा मंत्रालय और पेंटागन से इस मामले पर प्रतिक्रिया मांगी गई है, लेकिन अभी तक किसी की ओर से आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है.


भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग पर असर

यह घटनाक्रम भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग पर प्रभाव डाल सकता है, जो पिछले कुछ वर्षों में लगातार मजबूत हुआ था। साथ ही, यह संदेश भी देता है कि भारत व्यापार और कूटनीतिक दबाव का जवाब आर्थिक और रणनीतिक फैसलों के जरिए देने में सक्षम है.