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भारत ने जी20 में अमेरिका को दिखाया असली नेतृत्व का उदाहरण

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में एक प्रभावी भाषण दिया, जिसमें उन्होंने अमेरिका को आईना दिखाते हुए आतंकवाद, आर्थिक दबाव और वैश्विक संकट पर चर्चा की। उन्होंने बहुपक्षवाद की आवश्यकता और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की अपील की। इस भाषण ने न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक में क्या कहा गया और भारत की भूमिका क्या है।
 

भारत का प्रभावी बयान

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया, तब से पूरी दुनिया ने यह समझ लिया है कि भारत से टकराना आसान नहीं है। हाल ही में, न्यूयॉर्क में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में एक ऐसा बयान दिया, जिसने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने अपने भाषण में यूक्रेन युद्ध, गाजा संघर्ष, आर्थिक दबाव, ऊर्जा संकट और आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र की विफलताओं की आलोचना की।


अमेरिका की धरती पर महत्वपूर्ण बातें

यह विशेष बात है कि जयशंकर ने यह सब अमेरिका की धरती पर कहा, जबकि अमेरिका इन मुद्दों में सीधे या परोक्ष रूप से शामिल है। जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक न्यूयॉर्क में आयोजित की गई थी, जिसमें दुनिया के प्रमुख देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। यह बैठक ऐसे समय में हो रही थी जब यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध जारी है और गाजा में हिंसा ने मध्य पूर्व को हिलाकर रख दिया है।


आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता

जयशंकर ने जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में कहा कि जो देश आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करते हैं, वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय शांति और विकास के बीच संबंधों में गिरावट आई है। आतंकवाद विकास के लिए एक निरंतर खतरा है, जो शांति में बाधा डालता है। उन्होंने दुनिया से अपील की कि आतंकवादी गतिविधियों के प्रति सहिष्णुता नहीं दिखानी चाहिए।


बहुपक्षवाद की आवश्यकता

जयशंकर ने यह भी कहा कि जैसे-जैसे दुनिया संघर्ष और आर्थिक दबाव का सामना कर रही है, बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र की सीमाएं स्पष्ट हो रही हैं। उन्होंने कहा कि बहुपक्षवाद में सुधार की आवश्यकता पहले कभी इतनी महत्वपूर्ण नहीं थी। आज की अंतरराष्ट्रीय स्थिति राजनीतिक और आर्थिक दृष्टि से अस्थिर है। उन्होंने जी20 के सदस्यों से अपील की कि वे इसकी स्थिरता को मजबूत करें और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए वार्ता और कूटनीति का सहारा लें।