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भारत-नेपाल के बीच गृह सचिव स्तर की वार्ता: सुरक्षा चिंताओं का समाधान

भारत और नेपाल के बीच लगभग नौ वर्षों के बाद गृह सचिव स्तर की वार्ता फिर से शुरू होने जा रही है। यह बैठक सीमा पार आपराधिक गतिविधियों, आतंकवाद, और मानव तस्करी जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी। दोनों देशों के सुरक्षा प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि इस चर्चा में शामिल होंगे। नेपाल के गृह मंत्री ने इसे महत्वपूर्ण पहल बताया है, जबकि भारत ने सीमा निगरानी को सख्त करने की आवश्यकता जताई है। इस वार्ता का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना है।
 

भारत और नेपाल के बीच महत्वपूर्ण वार्ता

नई दिल्ली: भारत और नेपाल के संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। लगभग नौ वर्षों के अंतराल के बाद, दोनों देशों के बीच गृह सचिव स्तर की वार्ता फिर से शुरू होने जा रही है। यह बैठक केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि दोनों देशों की साझा सुरक्षा चिंताओं को हल करने की एक महत्वपूर्ण पहल है। सीमा पार से होने वाली आपराधिक गतिविधियों, आतंकवाद, मानव तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे जटिल मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।


इस दो दिवसीय बैठक में भारत की ओर से गृह सचिव गोविंद मोहन और नेपाल की ओर से गोकर्ण मणि द्वावड़ी नेतृत्व कर रहे हैं। दोनों देशों के सुरक्षा प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि, जैसे खुफिया एजेंसियां, विदेश मंत्रालय, सीमा पुलिस बल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस चर्चा में शामिल होंगे। नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने इसे "महत्वपूर्ण और आशाजनक पहल" बताया है और उम्मीद जताई है कि लंबित मुद्दों पर ठोस प्रगति होगी।


बैठक में मुख्य रूप से सीमा पार आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसमें मानव तस्करी, नकली नोटों का प्रसार, मादक पदार्थों का अवैध व्यापार और सीमा चिन्हों की मरम्मत जैसे तकनीकी मुद्दे शामिल हैं। इसके अलावा, सीमा पर संयुक्त गश्त की रणनीति, एकीकृत जांच चौकियों (आईसीपी) और भारत-नेपाल सीमा पर सड़क और रेलवे संपर्क को मजबूत करने पर भी चर्चा होगी।


एक महत्वपूर्ण बिंदु प्रत्यर्पण संधि है, जिस पर पिछले दो दशकों से बातचीत चल रही है। 2005 में प्रारंभिक मसौदा तैयार किया गया था, लेकिन नेपाल ने "तीसरे देश के नागरिकों" के प्रत्यर्पण को लेकर चिंताएं जताई थीं। यदि यह संधि लागू होती है, तो भारत को उन तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने में मदद मिलेगी जो नेपाल की खुली सीमा का उपयोग कर भारत में घुसपैठ की कोशिश करते हैं, खासकर पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के खिलाफ।


यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था। भारत ने नेपाल से सीमा निगरानी को और सख्त करने की आवश्यकता जताई है। भारत को यह चिंता भी है कि नेपाल सीमा के पास मदरसों की बढ़ती संख्या कट्टरपंथी तत्वों के लिए सुरक्षित स्थान न बन जाए। नेपाल के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता रामचंद्र तिवारी का कहना है कि बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है, जो दोनों देशों के बीच विश्वास निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।