भारत-नेपाल व्यापार: आर्थिक सहयोग में चुनौतियाँ और अवसर
भारत-नेपाल के व्यापारिक संबंध
भारत-नेपाल व्यापार: भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक और आर्थिक संबंध सदियों से जुड़े हुए हैं। भौगोलिक दृष्टि से लैंडलॉक्ड नेपाल के लिए भारत एकमात्र ऐसा देश है जो 22 विभिन्न सीमा स्थानों से माल की आपूर्ति करता है। भारत नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और विदेशी निवेश का प्रमुख स्रोत भी है। यह सहयोग दोनों देशों की आर्थिक प्रगति और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
राजनीतिक अस्थिरता का प्रभाव
हालांकि, नेपाल में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा ने भारत के लिए इस सहयोग को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। भारत के निवेश और परियोजनाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में तनाव की आशंका बढ़ रही है।
भारत-नेपाल के आर्थिक रिश्ते
नेपाल को मिलने वाले कुल विदेशी निवेश में लगभग 35% हिस्सा भारत का है। नेपाल राष्ट्र बैंक के अनुसार, जुलाई 2023 तक यह राशि 755.12 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है। नेपाल में 150 से अधिक भारतीय सरकारी और निजी कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं, जिनमें मैन्युफैक्चरिंग, बैंकिंग, बीमा, पोर्ट, शिक्षा, दूरसंचार, ऊर्जा और पर्यटन प्रमुख हैं।
ऊर्जा क्षेत्र में भारत का निवेश
नेपाल की जलविद्युत क्षमता को देखते हुए भारत ने इस क्षेत्र में भारी निवेश किया है। भारत ने अगले दशक में नेपाल से 10,000 मेगावाट बिजली खरीदने का संकल्प लिया है।
अरुण-3 हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट: 900 मेगावाट की इस परियोजना में 58 अरब रुपये का निवेश भारत की सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड कर रही है, जिसका पूरा होना 2026 तक अपेक्षित है।
अपर कर्णाली हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट: 13 अरब रुपये के निवेश के साथ 900 मेगावाट का यह प्रोजेक्ट निजी कंपनी GMR द्वारा संचालित है।
लोअर अरुण हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट: 9 अरब रुपये के निवेश से 669 मेगावाट क्षमता वाली इस परियोजना का निर्माण सरकारी कंपनी SJVN कर रही है।
क्रॉस बॉर्डर ट्रांसमिशन लाइन: भारत की कंपनियों ने 5 से 9 अरब रुपये निवेश कर नेपाल में महत्वपूर्ण ट्रांसमिशन लाइनों का विकास किया है, जिनमें मुजफ्फरपुर-ढालकेबार 400 केवी लाइन प्रमुख है।
पेट्रोलियम पाइपलाइन परियोजना
नेपाल में पेट्रोलियम की सप्लाई मुख्य रूप से भारत से ट्रक द्वारा की जाती है, जो जोखिम और जटिलताओं से भरी प्रक्रिया है। इस समस्या के समाधान के लिए भारत-नेपाल सीमा पर मोतिहारी-अमलेखगंज तेल पाइपलाइन परियोजना लगभग पूरी हो चुकी है, जिससे सप्लाई सुरक्षित और सुविधाजनक बनेगी।
लाइन ऑफ क्रेडिट और सड़क परियोजनाएं
भारत सरकार ने नेपाल को 1.65 अरब अमेरिकी डॉलर की 4 लाइन ऑफ क्रेडिट प्रदान की है। इसके तहत नेपाल में 45 सड़क परियोजनाओं, जलविद्युत और ट्रांसमिशन लाइनों की 6 अन्य परियोजनाओं पर काम चल रहा है। ये प्रोजेक्ट नेपाल के विभिन्न हिस्सों में आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रहे हैं।
द्विपक्षीय व्यापार: संतुलन और चुनौतियां
2023-24 के वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत से नेपाल को निर्यात 7040.98 करोड़ डॉलर था, जबकि नेपाल से भारत को निर्यात मात्र 831 करोड़ डॉलर रहा। इससे यह स्पष्ट होता है कि व्यापार संतुलन भारत के पक्ष में है।