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भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ाई गई, विरोध प्रदर्शनों के चलते अलर्ट जारी

नेपाल में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया है। सशस्त्र सीमा बल ने स्थिति पर कड़ी नजर रखी है और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बढ़ाया है। यह कदम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और सुरक्षा उपायों के बारे में।
 

भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा स्थिति

नेपाल में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण, अधिकारियों ने भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा अलर्ट जारी किया है। सीमा सुरक्षा बल, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने सतर्कता बढ़ा दी है और भारतीय क्षेत्र में किसी भी अशांति को रोकने के लिए स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया है। अधिकारियों ने बताया कि नेपाल में हो रहे प्रदर्शनों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। सशस्त्र सीमा बल इस घटनाक्रम पर लगातार नजर रखे हुए है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अलर्ट निवारक है और स्थिति नियंत्रण में है। 


सीमा पर सुरक्षा उपाय

अधिकारियों के अनुसार, सीमा पर पर्याप्त संख्या में बल तैनात किए गए हैं और कई चौकियों पर कड़ी जांच की जा रही है। सुरक्षा बनाए रखते हुए लोगों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बढ़ाया गया है। भारत-नेपाल सीमा, जो 1,751 किलोमीटर लंबी है, उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम जैसे राज्यों में फैली हुई है, नागरिकों की बेरोकटोक आवाजाही की अनुमति देती है। यह व्यवस्था सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करती है, लेकिन नेपाल में राजनीतिक अशांति के समय सुरक्षा की आवश्यकता भी बढ़ जाती है। 


पिछले अनुभव और सुरक्षा की आवश्यकता

नेपाल में आंतरिक उथल-पुथल के दौरान सुरक्षा अलर्ट जारी किए गए हैं, जिसमें 2015 का मधेसी विरोध प्रदर्शन भी शामिल है, जिसने व्यापार और सीमा पार आवाजाही को प्रभावित किया था। भारत के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) में से एक, SSB, जिसमें 90,000 से अधिक कर्मी शामिल हैं, कड़ी निगरानी रखता है और नियमित रूप से गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजता है। सीमा सुरक्षा के अलावा, SSB को आवश्यकता पड़ने पर भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकवाद विरोधी और आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों में भी तैनात किया जाता है।