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भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अरब सागर में नौसेना के फायरिंग अभ्यास

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, दोनों देशों की नौसेनाएं 11-12 अगस्त को अरब सागर में अलग-अलग फायरिंग अभ्यास करने की योजना बना रही हैं। यह अभ्यास हाल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद की स्थिति में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारतीय नौसेना गुजरात के तट पर अभ्यास करेगी, जबकि पाकिस्तान ने अपने जलक्षेत्र में फायरिंग जोन घोषित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभ्यास दोनों देशों की नौसैनिक तैयारी को दर्शाता है और संभावित रणनीतिक संदेश भी भेजता है।
 

नौसेना के अभ्यास की तैयारी

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव के चलते, दोनों देशों की नौसेनाएं 11-12 अगस्त को अरब सागर में अलग-अलग फायरिंग अभ्यास करने की योजना बना रही हैं। यह जानकारी रक्षा सूत्रों द्वारा साझा की गई है। हालांकि ये अभ्यास नियमित माने जाते हैं, लेकिन वर्तमान राजनीतिक स्थिति को देखते हुए इनकी अहमियत बढ़ गई है।


अभ्यास स्थलों की निकटता

60 समुद्री मील की दूरी पर अभ्यास

जारी किए गए नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) के अनुसार, भारतीय नौसेना गुजरात के पोरबंदर और ओखा के तट पर अपने अभ्यास का आयोजन करेगी। इसी समय, पाकिस्तान ने अपने जलक्षेत्र में फायरिंग जोन घोषित किया है। दोनों अभ्यास स्थलों के बीच की दूरी लगभग 60 समुद्री मील है, जो रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय और स्थान की समानता संयोग नहीं हो सकती।


पहलगाम हमले के बाद का तनाव

पहलगाम से शुरू हुआ तनाव

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों पर डाली गई। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें भारतीय थल सेना, वायु सेना और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान के भीतर आतंकी ढांचों और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया।


ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई

ऑपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई

रक्षा सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की कई मिसाइल और ड्रोन क्षमताओं को निष्क्रिय किया। प्रमुख शहरों में स्थित कई वायु रक्षा प्रणालियां नष्ट की गईं और एक पाकिस्तानी AWACS निगरानी विमान को भी मार गिराया गया। इसके अलावा, भारत ने छह पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को गिराने का दावा किया। नौसेना ने समुद्री मोर्चे पर पाकिस्तान के बंदरगाहों के निकट अपनी तैनाती बढ़ाई।


अरब सागर का सामरिक महत्व

अरब सागर का रणनीतिक महत्व

अरब सागर भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां न केवल समुद्री व्यापार मार्ग गुजरते हैं, बल्कि यह क्षेत्र दोनों देशों की समुद्री सुरक्षा का मुख्य आधार भी है। भारतीय नौसेना के इस अभ्यास में युद्धपोत, मिसाइल प्रणाली, पनडुब्बियां और संभवतः नौसैनिक विमान भी शामिल होंगे। दूसरी ओर, पाकिस्तानी नौसेना भी अपने अभ्यास में उन्नत हथियार प्रणालियों और फायरिंग ड्रिल का प्रदर्शन करेगी।


विश्लेषकों की राय

रक्षा विश्लेषकों की राय

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे अभ्यास सामान्यतः योजनाबद्ध प्रशिक्षण का हिस्सा होते हैं, लेकिन वर्तमान तनावपूर्ण माहौल में इनकी समय-सारिणी और भौगोलिक निकटता चिंता का विषय बन सकती है। यह न केवल दोनों देशों की नौसैनिक तैयारी का स्तर दर्शाता है, बल्कि यह संभावित रणनीतिक संदेश भी भेजता है कि दोनों पक्ष किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं।