भारत-पाकिस्तान मैच पर संजय राउत का विवादास्पद बयान: क्या है असली कहानी?
भारत की एशिया कप जीत और विवाद
Sanjay Raut on India Pakistan Match : एशिया कप 2025 में भारत की पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत ने देश में जश्न का माहौल तो बनाया, लेकिन इसके साथ ही यह एक राजनीतिक विवाद का कारण भी बन गया। भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर एशिया कप का खिताब जीता, लेकिन असली विवाद तब शुरू हुआ जब भारतीय टीम ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) और पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से मना कर दिया।
शिवसेना नेता संजय राउत का बयान
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भारतीय टीम के इस व्यवहार को "देशभक्ति का ड्रामा" करार दिया। उन्होंने एक वीडियो साझा किया जिसमें भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव को मोहसिन नकवी के साथ हाथ मिलाते और फोटो खिंचवाते देखा जा सकता है। राउत ने सवाल उठाया कि अगर टीम को पाकिस्तान से इतनी नफरत थी, तो उन्होंने उनके खिलाफ मैच क्यों खेला?
परहेज था तो PAK के खिलाफ मैच क्यों खेला
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "अगर देशभक्ति खून में होती, तो मैदान पर पाकिस्तान के खिलाफ उतरते ही नहीं।" इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह सब एक स्क्रिप्टेड ड्रामा है, जो केवल देश के लोगों को दिखाने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि अगर टीम को ट्रॉफी नहीं लेनी थी, तो पहले ही अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए था।
आम आदमी पार्टी का समर्थन
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने भी इसी वीडियो को साझा करते हुए टीम इंडिया पर "प्रोपेगेंडा" फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा कि सीरीज की शुरुआत में खिलाड़ियों ने मोहसिन नकवी से हाथ मिलाया, लेकिन भारत में जब विरोध शुरू हुआ तो नया स्क्रिप्ट थमा दिया गया। उनका इशारा साफ था कि यह सब कुछ सुनियोजित तरीके से किया गया ताकि जनता को एक खास नैरेटिव दिखाया जा सके।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान और 'ऑपरेशन सिंदूर'
इस पूरे घटनाक्रम को राजनीतिक रंग उस समय मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की जीत को "ऑपरेशन सिंदूर" से जोड़ दिया। उन्होंने X पर लिखा "#OperationSindoor on the games field. Outcome is the same - India wins! Congrats to our cricketers." यह बयान अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किए गए ऑपरेशन की ओर इशारा करता है, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। मोदी की इस टिप्पणी को लेकर विपक्ष ने सरकार पर खेल को युद्ध जैसी रणनीति से जोड़ने का आरोप लगाया।
ट्रॉफी को लेकर उठा विवाद
फाइनल मैच के बाद जब भारतीय टीम ने ट्रॉफी लेने से मना किया, तो ACC अध्यक्ष मोहसिन नकवी मंच पर अकेले रह गए। भारतीय टीम एक निष्पक्ष व्यक्ति से ट्रॉफी लेना चाहती थी, लेकिन जब नकवी ने मंच नहीं छोड़ा, तो अंततः वे ट्रॉफी लेकर ही स्टेडियम से चले गए। इससे ट्रॉफी वितरण समारोह लगभग डेढ़ घंटे तक रुका रहा, जो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ।