भारत में कोविड-19 मामलों में वृद्धि: स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह
कोविड-19 की स्थिति
Covid-19 Alert: एशियाई देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बाद, भारत में भी धीरे-धीरे संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। वर्तमान में, सक्रिय मामलों की संख्या लगभग 4000 तक पहुंच गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोविड-19 के कुल मरीजों की संख्या 3961 है, जबकि कुल मौतों की संख्या 34 हो चुकी है, जिनमें से 6 मौतें पिछले 24 घंटों में हुई हैं। कोविड-19 के लक्षणों में सर्दी, खांसी और जुकाम शामिल हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि ये लक्षण कोरोना से संबंधित हों। इस बार कोविड-19 के चार नए वेरिएंट्स लोगों को प्रभावित कर रहे हैं, जिनमें गले में खराश एक प्रमुख लक्षण है।
स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह
दिल्ली में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच, राम मनोहर लोहिया अस्पताल के कोविड नोडल ऑफिसर ने लोगों को आश्वस्त किया है कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि यह नया वेरिएंट अधिक संक्रामक नहीं है। साथ ही, कोरोना वायरस से बचने के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन करना महत्वपूर्ण है। अधिकारी ने कहा कि खांसी या जुकाम होने पर हर बार RT-PCR टेस्ट कराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह जरूरी नहीं कि यह कोरोना ही हो।
विशेषज्ञों की राय
डॉक्टर पवन कुमार ने बताया कि जैसे ही राजधानी में कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई, अस्पताल प्रशासन ने कोविड के लिए विशेष वार्ड तैयार कर लिए हैं। इन वार्डों में 9 बिस्तर, ऑक्सीजन की सुविधा, आवश्यक दवाएं और सभी प्रकार के उपचार उपलब्ध होंगे।
टेस्टिंग के बारे में जानकारी
अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कोरोना वायरस फैल रहा है, इसलिए हर बार सर्दी-खांसी होने पर तुरंत टेस्टिंग सेंटर जाकर RT-PCR जांच न करवाएं। ऐसा करने से आप अन्य मरीजों से संक्रमित हो सकते हैं। यदि आपको कोई लक्षण महसूस होते हैं, तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता
डॉक्टर पवन के अनुसार, इस बार के वेरिएंट्स गंभीर नहीं हैं, इसलिए सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है। केवल गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं वाले या लॉन्ग कोविड से पीड़ित मरीजों को ही अस्पताल में रहना चाहिए।
लक्षण और बचाव के उपाय
जो लोग कोविड-19 के लक्षण महसूस कर रहे हैं, उन्हें अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और खुद को आइसोलेट करना चाहिए। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो घर के अन्य सदस्यों को भी टेस्ट कराने के लिए कहें। नए वेरिएंट्स के शुरुआती संकेतों में गले में खराश, खांसी, नाक बहना, बुखार, और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं।
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
- भीड़-भाड़ वाले स्थानों से दूरी बनाएं।
- मास्क पहनें।
- इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए संतुलित आहार लें।