×

भारत में नौकरी के अवसर: हायरिंग में सुस्ती का विश्लेषण

भारत में नौकरी के अवसरों पर हालिया सर्वेक्षण से पता चलता है कि अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में हायरिंग में सुस्ती आई है। मैनपावरग्रुप के अनुसार, नेट एम्प्लॉयमेंट आउटलुक 40% है, जो पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर है। जानें इस सुस्ती के पीछे के कारण और भविष्य में क्या संभावनाएं हैं।
 

नौकरी बदलने का सोच रहे हैं? जानें क्या कहता है सर्वे

अगर आप इस वर्ष के अंत में नौकरी बदलने या नई नौकरी की तलाश में हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है। कॉर्पोरेट इंडिया में अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही के लिए हायरिंग में थोड़ी सुस्ती देखी गई है। हाल ही में जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार, कंपनियां स्थायी, अस्थायी और सलाहकार कर्मचारियों का एक संतुलित मिश्रण बनाने की कोशिश कर रही हैं।


सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, मैनपावरग्रुप के रोजगार आउटलुक में भारत का नेट एम्प्लॉयमेंट आउटलुक (NEO) 40% दर्ज किया गया है। इसका अर्थ है कि नई भर्तियों की उम्मीद पिछले तिमाही की तुलना में 7% कम हुई है, लेकिन पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में इसमें 18% की वृद्धि हुई है। (NEO की गणना उन कंपनियों के प्रतिशत को घटाकर की जाती है जो कर्मचारियों की संख्या में कमी की उम्मीद करती हैं, उन लोगों से जो नई भर्तियां करने की योजना बना रहे हैं।)


यह सर्वे जुलाई 2025 में भारत भर के 3,149 नियोक्ताओं की प्रतिक्रियाओं पर आधारित है। हालांकि सुस्ती के बावजूद, भारत में नियोक्ता वैश्विक स्तर पर दूसरे सबसे सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ हैं, जो वैश्विक औसत से 17 अंक अधिक है।


दुनिया में सबसे अधिक नौकरियों की उम्मीद संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में (45%) है, जबकि भारत (40%) इस सूची में दूसरे स्थान पर है। इसके बाद ब्राजील (36%), कोस्टा रिका (35%) और चीन (34%) का स्थान है। वहीं, पोलैंड, रोमानिया, हंगरी और अर्जेंटीना जैसे देशों में हायरिंग का माहौल सबसे कमजोर है।


सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था मिश्रित संकेत दे रही है। जहां एक ओर सेवा क्षेत्र के कारण जीडीपी ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान है, वहीं कमजोर विदेशी निवेश के चलते कंपनियां विस्तार में सतर्कता बरत रही हैं। इसका परिणाम यह हो सकता है कि 2025 की अंतिम तिमाही में कंपनियां सीमित हायरिंग करेंगी और वेतन पर भी दबाव बना रह सकता है।


मैनपावरग्रुप इंडिया और मध्य पूर्व के प्रबंध निदेशक संदीप गुलाटी ने कहा, “हालांकि इस तिमाही में भारत का रोजगार आउटलुक थोड़ा कम हुआ है, लेकिन हमारे श्रम बाजार की बुनियाद मजबूत बनी हुई है। एनर्जी, फाइनेंशियल और रियल एस्टेट, और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्र हायरिंग को गति देना जारी रखेंगे।”