भारतीय रेल में किराए में वृद्धि और टिकट बुकिंग प्रणाली में बदलाव
भारतीय रेल में महत्वपूर्ण परिवर्तन
भारतीय रेलवे में अगले महीने से कुछ महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं, जिनमें किराए में हल्की वृद्धि और टिकट बुकिंग प्रणाली में सुधार शामिल हैं। रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि ट्रेनों के किराए में मामूली इजाफा होगा, जिससे यात्रियों पर थोड़ा अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।रेलवे अधिकारियों के अनुसार, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के नॉन-एसी क्लास का किराया प्रति किलोमीटर 1 पैसे बढ़ जाएगा, जबकि एसी क्लास में यात्रा करने के लिए प्रति किलोमीटर 2 पैसे अधिक चुकाने होंगे।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि "2020 और 2013 में हुए पिछले किराया संशोधनों की तुलना में, यह मौजूदा बढ़ोतरी सबसे कम है।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दैनिक यात्रियों के हितों को ध्यान में रखते हुए, उपनगरीय ट्रेनों और मासिक सीजन टिकटों के किराए में कोई वृद्धि नहीं की गई है, जो लाखों यात्रियों के लिए राहत की बात है।
जानकारी के अनुसार, 500 किलोमीटर तक की यात्रा के लिए द्वितीय श्रेणी का किराया अपरिवर्तित रहेगा। हालांकि, 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए किराए में प्रति किलोमीटर आधा पैसा तक की वृद्धि हो सकती है।
याद दिलाते चलें कि रेल किराए में आखिरी बार 1 जनवरी, 2020 को बढ़ोतरी की गई थी। उस समय साधारण ट्रेनों और मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के द्वितीय श्रेणी के किराए में क्रमशः 1 पैसा/किमी और 2 पैसे/किमी की वृद्धि हुई थी।
अधिकारी ने पुरानी किराया बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए कहा, "2020 से पहले, 2013 में सभी श्रेणियों के रेल किराए में उल्लेखनीय संशोधन किया गया था।" उन्होंने आगे बताया कि जुलाई से तत्काल टिकट के लिए आधार-OTP अनिवार्य होगा, जिससे बिचौलियों को खत्म करने और टिकट बुकिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया जाएगा।
1 जुलाई से IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल ऐप के माध्यम से तत्काल टिकट केवल उन्हीं उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध होंगे, जिनका आधार प्रमाणित होगा। इसके बाद, 15 जुलाई से ऑनलाइन तत्काल बुकिंग के लिए आधार-आधारित ओटीपी प्रमाणीकरण अनिवार्य हो जाएगा।
यह नया नियम केवल ऑनलाइन बुकिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि कम्प्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली काउंटरों और अधिकृत एजेंटों के माध्यम से बुक किए गए तत्काल टिकटों के लिए भी लागू होगा।